लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्यपाल राम नाईक ने रसड़ा सीट से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह की सदस्याता रद्द करने का आदेश दिया है। उमाशंकर की सदस्यता उनके विधायक निर्वाचित होने की तारीख यानी छह मार्च, 2012 से समाप्त करने का निर्णय दिया गया है। विधायक उमाशंकर पर आरोप है कि विधायक निर्वाचित होने के बावजूद भी वह सरकारी ठेके लेके सड़क निर्माण करवा रहे थे।
गौरतलब है कि इस बारे में वकील सुभाष चंद्र सिंह ने उमाशंकर सिंह के विरूद्ध यूपी के लोकायुक्त शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि विधायक रहते हुए भी उमाशंकर सरकारी ठेकों को लेकर सड़क निर्माण का कार्य करवा रहे हैं, यह सरासर उनके पद का दुरुपयोग है। विधायक की सदस्याता के बारे में 10 जनवरी को भारत निर्वाचन आयोग से मिली रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 192 (1) के तहत दी गईं शक्तियों का प्रयोग करते हुए निर्णय दिया है और उनकी सदस्यता को रद्द करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि 16 जनवरी 2015 को यह मामला राज्यपाल के सामने आया था, जिसके बाद 29 जनवरी को उनकी सदस्यता रद्द करने का फैसला किया था। इसके विरोध में दयाशंकर ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसके बाद 10 जनवरी को सुनवाईयों के बाद सदस्यता रद्द करने का निर्णय लिया गया है।