यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस के हमले के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन में रूसी सैनिकों की बर्बरता को दुनिया के सामने रखा।
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जेलेंस्की ने आरोप लगाया कि रूसी सैनिकों ने यूक्रेन में निहत्थे लोगों को मारा और महिलाओं के साथ बलात्कार किया। उन्होंने रूस को संयुक्त राष्ट सुरक्षा परिषद की सदस्यता से भी निकालने की मांग की।
यूएनएससी में रिफॉर्म की जरूरत?
जेलेंस्की ने कहा कि रूस को उसके अपराधों के लिए जवाबदेही जरूर ठहराया जाना चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता तो UNSC में रिफॉर्म की जरूरत है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से बाहर कर देने की मांग की। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के 41 बीत चुके हैं। दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत होने के बाद भी जंग थमने की जगह बर्बर होती जा रही है।
बूचा की तस्वीरों से पूरी दुनिया में हंगामा
यूक्रेन के बूचा शहर की तस्वीरों ने पूरी दुनिया में हंगामा मचा दिया है। बूचा में 400 के करीब लाशें मिलने से रूसी सैनिकों पर युद्ध अपराध के आरोप लग रहे हैं। यूक्रेन ने इसे ‘नरसंहार’ करार दिया है। संकटग्रस्त देश के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मंगलवार शाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में बूचा के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया।
आदेश देने वालों को कटघरे में खड़ा किया जाए
बूचा और यूक्रेन के अन्य शहरों में रूसी सैनिकों की बर्बरता को लेकर जेलेंस्की ने यूएनएससी में कहा कि रूस की सेना और उसे आदेश देने वालों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें यूक्रेन में शांति के लिए सुरक्षा परिषद के फैसलों की जरूरत है। जेलेंस्की ने मांग की है कि रूस को सुरक्षा परिषद से बाहर किया जाए या फिर यूएनएससी को ही भंग कर दिया जाना चाहिए।
वैश्विक सम्मेलन बुलाने की मांग
जेलेंस्की ने इसके लिए एक वैश्विक सम्मेलन बुलाने का भी प्रस्ताव रखा। यूएनएससी से ऑनलाइन जुड़े यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आगे कहा, रूसी बलों ने कीव के समर्थन में खड़े लोगों को बेरहमी से चुन- चुनकर मार डाला। इन हत्याओं की जवाबदेही अब अनिवार्य रूप से तय होनी चाहिए।
रूसियों ने टैंकों से कुचला
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रूस की बर्बरता का एक उदाहरण देते हुए बताया, रूसी हमलावरों ने कुछ यूक्रेनियाई लोगों की अपनी जीभ केवल इसलिए निकाल ली। क्योंकि हमलावर ने वह नहीं सुना जो वे उनसे सुनना चाहते थे।” उन्होंने कहा कि यूक्रेन के लोगों को रूसियों ने टैंकों से कुचल दिया। महिलाओं का उनके बच्चों के सामने बलात्कार किया और उन्हें मार डाला गया।
भारत हर संभव मदद के लिए तैयार
लोकसभा में यूक्रेन की स्थिति के बारे में चर्चा की गई। यूक्रेन की स्थिति पर हुई बहस का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि बूचा में हुई हत्याओं की हम कड़ी निंदा करते हैं और हम स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम सबसे पहले थे जो संघर्ष के खिलाफ थे। हमारा मानना है कि खून बहाकर और मासूमों की जान की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता। संवाद और कूटनीति किसी भी विवाद का सही जवाब है।
इटली ने मंगलवार को रूस के 15 अन्य राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। फ्रांस ने एक दिन पहले ही 25 रूसी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया था। इसी दिन जर्मनी ने भी रूस के 40 राजनयिकों को देश निकाला दे दिया था। रूस ने अपने राजनयिकों के निष्कासन पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हम इसका करारा जवाब देंगे।