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शातिर इमरान खान ट्रंप की राह पर, PAKISTAN में लाना चाहते थे राष्‍ट्रपति शासन

imran khan 1554543850 शातिर इमरान खान ट्रंप की राह पर, PAKISTAN में लाना चाहते थे राष्‍ट्रपति शासन

 

पाकिस्तान में राजनीतिक संकट आज बुधवार को अहम मोड़ ले सकता है। पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट आज फिर से मामले पर सुनवाई कर रहा है।

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कोर्ट को यह तय करना है कि इमरान खान के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करना और संसद को भंग करने का फैसला कितना सही था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के बाहर आज इमरान खान के मंत्री फवाद चौधरी पत्रकारों से भिड़ गए।

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विपक्ष के साथ और बढ़ेगा राजनीतिक टकराव

विपक्ष का आरोप है कि इमरान खान पाकिस्तान को निराशा के रास्ते पर आगे बढ़ा रहे थे। उन्होंने पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। विपक्ष के साथ राजनीतिक टकराव के लिए उनकी भूख और अमेरिका से विदेश नीति को दूर करने के उनके प्रयासों के बावजूद खुद को सत्ता में रखने के लिए खूब चाल भी चली।

इमरान की जिद, गंभीर राजनीतिक संकट

पाकिस्तान के 19वें प्रधानमंत्री इमरान खान की जिद ने पूरे देश को एक बार फिर गंभीर राजनीतिक संकट में फंसा दिया है। 3 अप्रैल को संयुक्त विपक्ष के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में वोटिंग होने थी। लेकिन उसके पहले ही इमरान खान ने संसद को ही भंग करवाकर विपक्ष के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

imran khan शातिर इमरान खान ट्रंप की राह पर, PAKISTAN में लाना चाहते थे राष्‍ट्रपति शासन

18 प्रधानमंत्रीयों का कार्यकाल पूरा नहीं

पाकिस्तान के बाकी 18 प्रधानमंत्री भी अपने कार्यकाल को पूरा नहीं कर सके थे। इनमें से कई प्रधानमंत्रियों को सेना तो कई अन्य को अदालत ने पद से हटा दिया था। लेकिन पाकिस्तान का नया संविधानिक संकट खुद इमरान खान का पैदा किया हुआ है। इमरान खान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्टाइल में अपने दुश्मनों पर निशाना साध रहे थे।

इमरान संविधान को नष्ट करने का प्रयास किया

पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर के अनुसार, इमरान खान ने देश की संवैधानिक प्रक्रियाओं को नष्ट करने का प्रयास जरूर किया, लेकिन इसके बावजूद ये सभी लोकतांत्रिक संस्थाएं और ज्यादा मजबूत होंगी। पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट भी इमरान खान के पैदा किए गए गतिरोध के समाधान पर विचार कर रहा है।

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कोर्ट की जजमेंट होगी अहम

न्यायाधीशों के पास यह दिखाने का एक बड़ा अवसर है कि कानून का शासन और संविधान की सर्वोच्चता हमारी समस्याओं का सबसे अच्छा समाधान प्रदान करती है। पाकिस्तानी सेना ने भी दिखाया है कि वह इस पूरे घटनाक्रम पर तटस्थ खड़ा है और इस समस्या को संसद और अदालतों के माध्यम से हल करने के लिए तैयार है।

पाकिस्तान के डोनाल्ड ट्रंप हैं इमरान खान

हामिद मीर ने दावा किया कि अगर कोर्ट ने जजमेंट दिया तो इसका सकारात्मक परिणाम दिखेगा और यह पाकिस्तान में लोकतंत्र के विकास के लिए एक बड़ा बढ़ावा होगा। उन्होंने कहा कि जिन रास्तों से हम यहां तक पहुंचे हैं वह जगह-जगह कई मोड़ और उतार-चढ़ाव हैं। आसिफ अली जरदारी और नवाज शरीफ जैसे विपक्षी नेताओं का मानना है कि इमरान खान पूरी राजनीतिक व्यवस्था के लिए खतरा बन रहे थे। ऐसे में उन्हें पाकिस्तानी ट्रंप की उपाधि दी जा रही थी। क्योंकि वह हर चीज को कानून को ताक पर रखकर करने की कोशिश कर रहे थे।

 

donald trump शातिर इमरान खान ट्रंप की राह पर, PAKISTAN में लाना चाहते थे राष्‍ट्रपति शासन

पुतिन के गले मिल पश्चिमी देशों को चिढ़ाया

विपक्ष का आरोप है कि इमरान खान पाकिस्तान को निराशा के रास्ते पर आगे बढ़ा रहे थे। उन्होंने पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। विपक्ष के साथ राजनीतिक टकराव के लिए उनकी भूख और अमेरिका से विदेश नीति को दूर करने के उनके प्रयासों के बावजूद खुद को सत्ता में रखने के लिए खूब चाल भी चली। जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण का ऐलान किया तो इमरान खान मॉस्को में व्लादिमीर पुतिन के गले मिल रहे थे। ऐसे में पश्चिमी देशों का भड़कना लाजिमी था।

राष्ट्रपति शासन की योजना पर आगे बढ़ रहे थे इमरान

हामिद मीर का दावा है कि इमरान खान पाकिस्तान में राष्ट्रपति शासन लगाने की योजना पर आगे बढ़ रहे थे। उन्हें अपने नेतृत्व में चल रही संसदीय सरकार की सफलता पर संदेह था। यह पााकिस्तान के लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए किसी झटके से कम नहीं था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और दुनियाभर के लोग इमरान खान की इस चाल से आश्चर्यचकित हो गए।

Imran Khan

अधिकतर पाकिस्तानी चीन को अपना सबसे खास दोस्त मानने के लिए तैयार हो सकते हैं। लेकिन उनमें से अधिकतर एक दलीय शासन की चीनी शैली की व्यवस्था नहीं चाहते हैं।

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