लखनऊ: राजनीति समय-समय पर अलग-अलग रंग दिखाती रहती है, अगर मामला उत्तर प्रदेश से जुड़ा हो तो इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता। भाजपा संगठन जहां एक तरफ लखनऊ में बड़े नेताओं के साथ रणनीतियों पर काम कर रहा है, वह जमीनी स्तर पर उन्हें कार्यकर्ताओं की जानकारी तक नहीं है।
दिवंगत नेता को मिल गया क्षेत्रीय अध्यक्ष का पद
संगठन महामंत्री बीएल संतोष, यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ सभी लगातार मंथन कर रहे हैं। पार्टी के नेताओं, सांसदों और विधायकों को लखनऊ में बुलाकर आने वाले चुनाव की रणनीति बनाई जा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं का हाल शायद पार्टी के उच्च नेताओं को नहीं है। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला, जिसमें एक दिवंगत नेता को क्षेत्रीय अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त कर दिया गया।
मामला अनुसूचित जाति मोर्चा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष से जुड़ा हुआ है। यह सूची जारी की गई जिसमें मुन्ने लाल कनौजिया को लखनऊ से क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया। जबकि कुछ दिन पहले 22 अप्रैल को मुन्ने लाल कनौजिया की मौत हो चुकी है, उनकी पत्नी का भी अगले दिन 23 अप्रैल को देहावसान हो गया। लेकिन शायद कार्यकर्ताओं की खबर ऊपर के नेताओं को नहीं होती। तभी तो मुन्ने लाल कनौजिया को अनुसूचित जाति मोर्चा का क्षेत्रीय अध्यक्ष बना दिया गया।
जारी हुई पदाधिकारियों की सूची
भाजपा की तरफ से 22 जून को कई पदाधिकारियों की सूची जारी हुई, जिसमें अवध क्षेत्र की लिस्ट में अनुसूचित जाति मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष मुन्ने लाल कनौजिया नियुक्त हुए। जबकि उनका देहावसान बहुत पहले हो चुका है। लिस्ट जारी होते ही यह खबर वायरल हो गई और भाजपा की रणनीतियों पर भी सवाल उठने लगे। संगठन को जब क्षेत्रीय और जमीनी कार्यकर्ताओं की खबर नहीं है तो चुनावी रणनीति पर कैसे मंथन हो रहा है। अवध क्षेत्र की जारी सूची में युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, पिछड़ा वर्ग मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों की सूची जारी की गई थी।