इमरान खान ने पाकिस्तान पर सार्वजनिक कर्ज लादने के मामले में नया रिकार्ड कायम किया है। इमरान खान के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में पाकिस्तान पर इतना ज्यादा सार्वजनिक कर्ज हो गया जितना पूरे 75 साल में नहीं हुआ था। वह भी तब इमरान ने कहा था कि वह लोन नहीं लेंगे।
यह भी पढ़े
अल्मोड़ा: जिला प्रशासन ने शुरू की स्वच्छता अभियान की कवायद, पर्यटक स्थलों को मिलेगा लाभ
कहां गया नया पाकिस्तान
‘नया पाकिस्तान’ बनाने का वादा करके सत्ता में आए इमरान खान अब कुर्सी गंवा चुके हैं। इमरान खान ने कहा था कि वह विदेशों से कर्ज नहीं लेंगे लेकिन हकीकत यह रही कि उन्होंने अपने करीब साढ़े तीन साल के शासनकाल में 18 ट्रिल्यन रुपये का सार्वजनिक कर्ज जोड़कर देश को कंगाल बना दिया। इमरान सरकार का यह कर्ज पिछले 75 साल में पाकिस्तान सरकार की ओर से जोड़े गए सार्वजनिक कर्ज से भी ज्यादा है। यह खुलासा खुद पाकिस्तान के रिजर्व बैंक कहे जाने वाले स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने मंगलवार को किया है।
संघीय सरकार का कुल कर्ज 42.8 ट्रिल्यन
इमरान खान के रेकॉर्ड लोन लेने का नतीजा यह हुआ कि संघीय सरकार का कुल कर्ज फरवरी 2022 में बढ़कर 42.8 ट्रिल्यन पाकिस्तानी रुपये हो गया है। इसमें इमरान राज में पिछले साढ़े तीन साल में लिया गया 18.1 ट्रिल्यन रुपये का कर्ज शामिल है। इससे पहले इमरान खान की दो विरोधी पार्टियों पीएमएल एन और पीपीपी ने पिछले 10 साल में 18 ट्रिल्यन का सार्वजनिक कर्ज जोड़ा था। इस आंकड़े को इमरान खान ने साढ़े तीन साल में ही पार कर लिया।
इमरान के राज में 90 फीसदी की बढ़ोतरी
इमरान खान ने 3 अप्रैल को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर हार से बचने के लिए संविधान विरोधी कदम उठाते हुए संसद को भंग कर दिया और अपनी सत्ता गंवा दी थी। आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की इमरान सरकार ने 1 सितंबर 2018 से फरवरी 2022 तक हर दिन 14.2 अरब रुपये का सार्वनिक कर्ज लादा जो नवाज शरीफ की पार्टी के शासन काल के दौर से दोगुने से भी ज्यादा है। कुल सार्वजनिक कर्ज सितंबर 2018 से फरवरी 2022 के बीच 73 फीसदी तक बढ़ गया।
सार्वजनिक कर्ज नहीं हुआ कम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले फरवरी 2019 में इमरान खान सरकार ने कहा था कि अगर वे सार्वजनिक कर्ज को कम करके 20 ट्रिल्यन रुपये तक नहीं ला पाए तो इसका मतलब होगा कि उनकी सरकार अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही।
अपने पूरे कार्यकाल के दौरान इमरान खान कर्ज को करने में पूरी तरह से फेल साबित हुए। पाकिस्तान की संघीय सरकार का कुल घरेलू कर्ज बढ़कर 27.7 ट्रिल्यन रुपये हो गया है। वहीं विदेशी कर्ज में भी इमरान के राज में 90 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जो 15 ट्रिल्यन रुपये हो गया है।