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PM security lapse: जांच में शामिल होगी NIA, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हाई कोर्ट को सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के दिए आदेश

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PM security lapse || प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब दौरे के दौरान हुई सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि राज्य और केंद्र दोनों ने पीएम सुरक्षा में चूक  की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। वही इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीएम की सुरक्षा को लेकर हम भी गंभीर है। 

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका को सुरक्षित करने के आदेश दिए हैं। पीएम मोदी के पंजाब दौरे के सभी रूट जानकारी को सुरक्षित रखने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने पंजाब सरकार, पंजाब पुलिस, एसपीजी और दूसरी अन्य एजेंसियों से रजिस्टर जनरल की जानकारी एकत्रित करने के लिए कहा है।

याचिकाकर्ता ने क्या कहा

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मनिंदर सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला लॉ एंड ऑर्डर का नहीं है, बल्कि सोशल प्रोटेक्शन ग्रुप आपका है। याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि पीएम अगर खुद भी चाहे अपनी सुरक्षा को हटाना तो, वह नहीं हटा सकते। मनिंदर ने आगे कहा कि मामले की जांच राज्य सरकार नहीं कर सकती। वही मामले की गंभीरता को समझते हुए पीएम मोदी के दौरे से जुड़े सभी दस्तावेज को NIA की मदद से DM को सख्त करने की छूट मिलनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सभी सबूतों को सुरक्षित रखते हुए जांच होनी चाहिए। आखरी में उन्होंने कहा कि कोर्ट से गुजारिश है कि जांच उनकी निगरानी में हो। 

केंद्र सरकार ने अपने पक्ष में क्या है

इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से अपना पक्ष रखते हुए अजीत अवतार महतो ने कहा कि पीएम की सुरक्षा में हुई चूक के जिम्मेदार राज्य प्रशासन और पुलिस प्रशासन दोनों ही है ऐसे में राज्य सरकार इसकी जांच नहीं कर सकती ऐसे में NAI का इसमें शामिल होना जरूरी है। कहा यह भी जा रहा है कि पंजाब के गृह सचिव खुद शक के दायरे में है ऐसे में मामले की जांच की जिम्मेदारी इनके हाथ में नहीं दी जा सकती।

पंजाब सरकार ने अपने पक्ष में क्या दी दलील

सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि उस दिन इस घटना के कुछ ही घंटों के भीतर जांच कमेटी का गठन किया गया। वहीं पंजाब सरकार का कहना है कि जब केंद्र सरकार हमारी द्वारा बनाई गई जांच समिति पर सवाल उठा ही रही है तो हम भी केंद्र की समिति पर आपत्ति जाहिर करते हैं। पंजाब सरकार के वकील डीएस पटवालिया ने कहा कि हमने इस घटना के तुरंत बाद FIR दर्ज की जांच कमेटी बनाई फिर भी केंद्र सरकार की ओर से हमारी नियत पर प्रश्न चिन्ह लगाया जा रहा है। 

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