आज शारदीय नवरात्रि केाआखिरी दिन महानवमी हैमहानवमी पर हवन करने से नवरात्रि में की गई मां दुर्गा की पूजा का फल मिलता है। और जीवन में सुख समृधि बनी रहती है।
इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है, कन्याओं को भोजन कराके उन्हें भेंट दी जाती है। बता दें कि महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
हवन साम्रगी
आम की लकड़ियां, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पापल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन का लकड़ी, तिल, कपूर, लौंग, चावल, ब्राह्मी, मुलैठी, अश्वगंधा की जड़, बहेड़ा का फल, हर्रे, घी, शक्कर, जौ, गुगल, लोभान, इलायची, गाय के गोबर से बने उपले, घी, नीरियल, लाल कपड़ा, कलावा, सुपारी, पान, बताशा, पूरी और खीर।
ऐसे करें पूजा
नवमी के दिन सुबह जल्दी नहाकर साफ कपड़े पहनें. मां सिद्धिदात्री के लिए प्रसाद तैयार करें. मां को भोग में नवरस युक्त भोजन और 9 प्रकार के फूल-फल चढ़ाने चाहिए. इसके बाद धूप-दीप जलाएं, मां की आरती करें।
नवमी के दिन मां के बीज मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए. इससे भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसके साथ ही पूरे विधि-विधान से हवन करना चाहिए. आखिर में 2 से 10 साल की कन्याओं का पूजन करना चाहिए. उन्हें हलवा-पूरी का भोजन कराना चाहिए और भेंट देकर विदा करना चाहिए. यदि 9 कन्याएं ना बुला पाएं तो 2 कन्याओं का पूजन भी कर सकते हैं.
पूजा का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि की महानवमी आखिरी 13 अक्टूबर को रात 08:07 मिनट से 14 अक्टूबर को शाम 06:52 मिनट तक रहने वाली है, पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 04:42 से 05:31 तक और अभिजित मुहूर्त सुबह 11:44 AM से 12:30 PM तक रहने वाला है। साथ ही इस बार 14 अक्टूबर को सुबह 9:36 बजे से पूरे दिन रवि योग भी रहेगा।
पूजा नियम
नवमी के दिन सुबह जल्दी नहाकर साफ कपड़े पहनें इसके बाद मां सिद्धिदात्री के लिए प्रसाद बनायें, इसके बाद मां को भोग लगायें, में इसके बाद धूप-दीप जलाएं, मां की आरती करें। नवमी के दिन मां के बीज मंत्र का जाप भीकरना चाहिए। इससे मां आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इसके साथ ही इस दिन आपको विधि-विधान से हवन भी करना चाहिए। हवन के बाद आपको 2 से 10 साल की कन्याओं का पूजन करना चाहिए, उन्हें हलवा-पूरी का प्रसाद देना चाहिये। और भेंट देना चाहिये आप चाहे तो पैसे या फिर कुछ सामान उन्हें दे सकते हैं। लेकिन खाली हाथ कन्याओं को नहीं भेजना चाहिये। नौ कन्याएं ना बुला पाएं तो 2 कन्याओं का पूजन भी कर सकते हैं।