राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का महिला टीचरों को लेकर अजीबो गरीब बयान सामने आया है। डोटासरा ने अपने एक बयान में कहा कि सरकार की प्राथमिकता में महिलाएं हैं। लेकिन वो स्कूलों में झगड़ा किया करती हैं जिस कारण अध्यापकों और प्रिंसिपल को सैरीडॉन लेनी पड़ती है।
महिला टीचरों को लेकर शिक्षा मंत्री का विवादित बयान
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का महिला टीचरों को लेकर अजीबो गरीब बयान सामने आया है। डोटासरा ने अपने एक बयान में कहा कि सरकार की प्राथमिकता में महिलाएं हैं। लेकिन वो स्कूलों में झगड़ा किया करती हैं जिस कारण अध्यापकों और प्रिंसिपल को सैरीडॉन लेनी पड़ती है। कुछ महीने पहले ‘नाथी का बाड़ा’ बयान देकर विवादों में घिर चुके डोटासरा अपने इस बयान से एक बार फिर चर्चा में हैं।
‘महिला का स्टाफ जिस स्कूल में हो गया वहां फिर वारे न्यारे’
जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने महिला कर्मचारियों को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि महिला का स्टाफ जिस स्कूल में हो गया वहां फिर वारे न्यारे हैं। वहां कभी प्रिंसीपल सेरिडोन टेबलेट यानी सिर दर्द की गोली लेगी तो कभी कोई दूसरी टीचर लेगी। कभी सीसीएल का झगड़ा, कभी लेट आने का झगड़ा तो कभी जल्दी आने का झगड़ा। हैरत की बात तो ये है जिस कार्यक्रम में डोटासरा ने ये बयान दिया उसमें वो महिलाओं और बालिकाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पहुंचे थे।
आप में आपस में झगड़े बहुत हैं- शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री ने अपने बयान में आगे बोलते हुए कहा कि मैं विभाग का मुखिया हूं इसलिये एक बात कहना चाहूंगा। आप में आपस में झगड़े बहुत हैं। उन्होंने महिला कर्मचारियों को नसीहत देते हुये कहा कि ये छोटी मोटी चीजें हैं अगर आप इनको ठीक कर लेंगे तो अपने आप को हमेशा ही पुरुष से इक्कीस पायेंगी। आपको बता दें कि इससे पहले महिलाओं को लेकर कर्नाकट के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के सुधाकर का बयान भी सामने आया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय महिलाएं बच्चों को जन्म नहीं देना चाहती हैं। वह या तो कुंवारा रहना चाहती हैं।