लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार के आरोप तय कर दिए हैं। इसके बाद पूर्व मंत्री ने आरोपों से इंकार करते हुए कोर्ट से पुनः विचार करने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा और बसपा के सरकार में हंडिया विधानसभा से विधायक व मंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी पर भ्रष्टाचार के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट के जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने आरोप तय कर दिए हैं।
कोर्ट ने कहा कि लोकसेवक के पद पर रहते हुए वैध तरीके से 49 लाख 49 हजार 928 रुपये की आय अर्जित की, लेकिन इस दौरान पूर्व मंत्री ने 2 करोड़ 17 लाख 58 हजार 677 रुपयों का आय से अधिक खर्च किया है। आय से अधिक खर्च किए जाने के सवालों का सही जवाब व विवरण न दे पाने की वजह से एमपी-एमएलए कोर्ट के जज ने पूर्व मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों को तय कर दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि पूर्व मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के लिए पर्याप्त आधार हैं। राकेशधर बीजेपी से उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं, उच्च शिक्षा मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने तमाम कालेजों को मान्यता दिया था जिसके दौरान लोकायुक्त की एक जांच में 2010 में त्रिपाठी पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेजों को मान्यता देने का भी आरोप लगा था।