लखनऊ। कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सक्रियता बढ़ गयी है। काफी समय से बंद पड़ी संघ की शाखाएं भी लगनी शुरू हो गयी हैं । संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक चित्रकूट में 09 जुलाई से आयोजित है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक की इस बार चित्रकूट में होने वाली कार्यकारी मण्डल की बैठक मेंं केवल संघ के शीर्ष पदाधिकारियों को ही बुलाया गया है।
इस बैठक में संघ के सरसंघचालक डा. मोहनराव भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले,सह सरकार्यवाह डा क़ष्ण गोपाल,डा मनमोहन वैद्य,अरूण कुमार और रामदत्त सहित संघ की केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य शामिल होंगे।
इसके अलावा सभी क्षेत्र प्रचारक और सह क्षेत प्रचारक बैठक में शामिल होंगे। कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार कार्यकारी मंडल की बैठक में प्रान्त प्रचारकों को नहीं बुलाया गया है। सभी प्रान्तों के प्रान्त प्रचारक और सह प्रान्त प्रचारकों को बैठक में वर्चुअल जुडेंगे
इस बैठक में पिछले वर्ष के कार्य की समीक्षा और आगामी कार्यक्रमों की योजना बनाई जाती है। बैठक में कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल भी किया जाता है। वहीं जरूरी समझने पर काय्रकारिणी मण्डल प्रस्ताव भी लाता है।
यूपी में बढ़ती धर्मान्तरण की घटनाओं पर होगी चर्चा
संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में उत्तर प्रदेश में बढ़ती धर्मान्तरण की घटनाओं पर चर्चा होगी। वैसे संघ में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने और समाज में जन जागरण के लिए धर्मजागरण विभाग कार्य करता है लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश में धर्मान्तरण घटनाएं बढी हैं।
संघ का मानना है कि धर्मान्तरण की घटनाएं रोकने के लिए हिन्दू समाज को जागरूक करना होगा केवल कानून से यह कार्य होने वाला नहीं है। इसलिए स्वयंसेवक सभी कारणों की पहचान करते हुए समाज में जनजागरण करें तभी धर्मान्तरण की घटनाओं पर पूर्णरूप से अंकुश लगेगाा।
कोरोना की तीसरी लहर को रोकने में संघ की भूमिका पर बनेगी रणनीति
कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अभी से सतर्क है। कोरोना की तीसरी लहर को रोकने में संघ के कार्यकर्ताओं की क्या भूमिका होगी इस विषय पर कार्यकारी मंडल की बैठक में पदाधिकारियों से चर्चा कर रणनीति बनायी जायेगी। गौरतलब हो कि कोरोना संकट के समय संघ के कार्यकताओं ने अभूतपूर्व सेवा कार्य किया है।