वियना में परमाणु समझौते को लेकर ईरान और 6 देशों में चल रही वार्ता के बीच में अमेरिका ने इराक और सीरिया में एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया है। अमेरिकी सेना ने ईरान समर्थित सशस्त्र लड़ाकों के ठिकानों पर हमले किए। जिसमें पांच लड़ाकों के मारे जाने की खबर है।
अमेरिका ने की जवाबी कार्रवाई
बता दें कि ये हवाई हमले ईरान समर्थित मिलिशिया गुटों के ठिकानों को निशाना बनाते हुए किए गए। दरअसल जून की शुरुआत में इराक में रॉकेट हमला हुआ था, जिसमें एक अमेरिकी सैनिक और अन्य गठबंधन सैनिक घायल हो गए थे। माना जा रहा है कि अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई के तहत ये एयरस्ट्राइक की है।
राष्ट्रपति बाइडेन ने दिए थे संकेत
इस हवाई हमले को ईरान को चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है, ताकि वो अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने वाले आतंकी गुटों को समर्थन न करे। बता दें जो बाइडेन के सत्ता संभालने के बाद ईरान समर्थित लड़ाकों पर ये दूसरा हमला है। राष्ट्रपति बाइडेन पहले ही ईरान को संकेत दे चुके हैं, कि वो अमेरिका को निशाना बनाने वाले गुटों को समर्थन न करे।
अमेरिकी सेना ने किए तीन ऑपरेशन
वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता ने इस हमले की पुष्टि की। उन्होने बताया कि मिलिशिया गुट इराक में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने के लिए इन ठिकानों का इस्तेमाल कर रहे थे। अमेरिकी सेना ने तीन ऑपरेशनल और हथियार भंडारण केंद्रों को निशाना बनाया। इनमें दो सीरिया में और एक इराक में है।
जोखिम कम करने के मकसद से एयरस्ट्राइक
उन्होंने कहा कि ईरान समर्थित मिलिशिया गुटों के हमलों के जवाब में एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया है। अमेरिका ने अपने सैनिकों के खिलाफ जोखिम को कम करने के मकसद से इन हमलों को अंजाम दिया। ये मिलिशिया गुटों को एक चेतावनी संदेश भी है।
पेंटागन के मुताबिक इन जगहों का इस्तेमाल कतीब हिजबुल्लाह और कतीब सैयीद अल शुहादा जैसे आतंकी समूहों द्वारा किया जा रहा था। और इन दोनों समूह का ईरान से नजदीकी संपर्क है।
व्हाइट हाउस ने नहीं की कोई टिप्पणी
व्हाइट हाउस ने एयरस्ट्राइक को लेकर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि इराक में अमेरिकी सैनिकों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर ड्रोन और रॉकेट्स के जरिए हमला करने में ईरान का हाथ है।