श्रीनगर। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नेतृत्व में दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे का आज दूसरा और आखिरी दिन है। कल श्रीनगर में सर्वदलीय टीम के साथ राजनाथ सिंह ने कई मुद्दों पर बातचीत की वहीं आज जम्मू के लिए रवाना होने से पहले राजनाथ सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करके अलगाववादी नेताओं के टीम से मिलने से मना करने पर राजनाथ ने कहा, साफ जाहिर है कि उनके दिल में कश्मीरी आवाम के लिए न तो इंसानियत है और न ही कश्मीरियत।
इसके साथ ही मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, केंद्र और राज्य सरकार घाटी में शांति का माहौल तैयार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मैं हुर्रियत नेताओं से कहना चाहता हूं कि बातचीत के लिए हमारे दरवाजे ही नहीं, हमारे रोशनदान भी खुले हैं। कश्मीर के हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, हर कोई कश्मीर में हालात सुधारने के लिए चिंतित है। एक बात मैं तथ्यात्मक रूप से स्पष्ट कर दूं कि जम्मू-कश्मीर हिंदुस्तान का अभिन्न अंग था, भारत का अंग है और हमेशा रहेगा, इसमें कोई दोमत नहीं है।
बात दें ,अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाईज उमर फारुक ने रविवार को देश के विपक्षी नेताओं से मिलने से इंकार कर दिया था। यहां तक कि गिलानी के समर्थकों ने भारत विरोधी नारे लगाते हुए उन्हें लौटा दिया। सूत्रों ने बताया कि जनता दल युनाईटेड (जद-यू) नेता शरद यादव, कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी और डी. राजा गिलानी से मुलाकात के लिए गए थे, लेकिन कट्टरपंथी हुर्रियत नेता ने उन्हें अंदर भी नहीं आने दिया। हैदरपुरा में गिलानी के घर के बाहर उनके समर्थक इकठ्ठे हो गए थे और जैसे ही सांसदों की कारें और सुरक्षा वाहन गुजरने लगे, उन्होंने ‘भारत जाओ, वापस जाओ’और‘हमें आजादी चाहिए’जैसे नारे लगाए लगे।