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सपा प्रत्याशियों के नामांकन न होने को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत, अखिलेश का गंभीर आरोप  

सपा प्रत्याशियों के नामांकन न होने को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत, अखिलेश का गंभीर आरोप  

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्‍यक्ष पद पर नामांकन को लेकर समाजवादी पार्टी ने शनिवार को भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। आज सपा का दो सदस्‍यीय दल राज्‍य निर्वाचन आयोग कार्यालय पहुंचा।

सपा एमएलसी उदयवीर सिंह और राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राजीव राय आज राज्य निर्वाचन आयोग पहुंचे। उन्‍होंने निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा‍ कि, उनके 12 प्रत्याशियों का नामांकन नहीं होने दिया गया।

मैनपुरी प्रशासन पर मनमानी का आरोप

सपा नेताओं ने अपने शिकायती पत्र में लिखा कि, मैनपुरी का पुलिस प्रशासन मनमानी कर रहा है। माननीय आयोग के निर्देशों की अवहेलना कर रहा है। इसका अवलोकन करने का कष्ट करें और आयोग के निर्देशों का पालन एवं विधि सम्मत कार्यवाही सुनिश्चित कराने का कष्ट करें।

इन जिलों को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत

समाजवादी पार्टी का आरोप है कि, जिला पंचायत अध्‍यक्ष पद के लिए गोरखपुर, झांसी, मुरादाबा, चित्रकूट, श्रावस्ती, गोंडा, ललितपुर, गाजियाबाद, भदोही, हमीरपुर और मऊ में जान-बूझकर सपा प्रत्‍याशियों का नामांकन नहीं होने दिया गया। वहीं, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी पार्टी कार्यालय पहुंचे। उन्‍होंने सपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर फीडबैक लिया।

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर साधा निशाना

इसके अलावा अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, गोरखपुर व अन्य जगह जिस तरह भाजपा सरकार ने पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोका है, वो हारी हुई भाजपा का चुनाव जीतने का नया प्रशासनिक हथकंडा है। भाजपा जितने पंचायत अध्यक्ष बनायेगी, जनता विधानसभा में उन्हें उतनी सीट भी नहीं देगी।

 

सपा एमएलसी ने भी घेरा

उधर, सपा एमएलसी उदयवीर सिंह ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि अगर डीजीपी और गृह विभाग कुछ नहीं कर सकते हैं तो इस्तीफा दे दें। सीएम के VIP जिले गोरखपुर में सपा नेताओं को अत्याचार झेलना पड़ा है। उन्‍होंने कहा कि, गुंडा मानसिकता की सरकार से यही आशा है।

पूर्व आइएएस ने भी सरकार पर साधा निशाना

उधर, पूर्व आइएएस अमिताभ ठाकुर ने भी ट्वीट करते हुए निशाना साधा है। उन्‍होंने लिखा- UP पुलिस बहुत अधिक व्यस्त है- सभी जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख पदों पर चुनाव हैं। सत्ताधारी पार्टी के लिए सदस्यों की धड़पकड़, बातचीत, डराने-धमकाने-समझाने जैसे सैकड़ों काम हैं। पूरी ईमानदारी से कोशिश है कि एक भी सीट किसी और को नहीं जाये। आगे हरि इच्छा!

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