नई दिल्ली। बीते शुक्रवार को हरियाणा-पंजाब कोर्ट पंचकूला में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरूमीत राम-रहीम को जैसे ही दोषी करार दिया उसके बाद से पूरे राज्य ही नहीं पड़ोसी राज्यों तक इन उपद्रवी समर्थकों की आग पहुंचने लगी। हरियाणा जलने लगा, एक बार फिर हालात बेकाबू हो चले थे। केन्द्र सरकार ने भी राज्य सरकार को ढिलाई बरतने के लिए फटकार लगाई है।
इसके पहले कोर्ट ने सुरक्षा की व्यवस्था और हालात को लेकर सरकार के साथ पुलिस विभाग को सख्त फटकार लगाई थी। लेकिन खट्टर सरकार के नरम रवैए के चलते करीब 2 लाख डेरा समर्थकों ने पंचकूला में डेरा डाल दिया। इसके बाद जैसे ही अदालत ने बाबा को दोषी करार दिया तो डेरा समर्थकों का उपद्रव शुरू हो गया हरियाणा से लेकर पंजाब के कई शहरों में ये तांडव चलता रहा। सरकार प्रतिष्ठानों स्टेशनों को ये समर्थक आग के हवाले करते गए।
इस पूरे तांडव में राम-रहीम के गुण्डों ने जमकर आतंक मचाया। इस आतंक और हिंसा में अब तक 31 लोगों की मौतें भी हो गई हैं। इस पूरे प्रकरण में 250 लोग घायल हुए हैं। हिंसा की आशंका को देखते हुए 400 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सरकार ने हिंसा के मामले में धारा 144 सही ढंग से लागू ना कर पाने पर डीसीपी को सस्पेंड कर दिया है। उपद्रवियों पर नकेल कसने के लिए सेना ने फ्लैग मार्च भी किया है।
इस पूरे तांडव के बाद कल देर शाम मुख्यमंत्री ने दौरा भी किया था। इसके बाद सुरक्षा में हुई खामियों पर अपनी गलती मानते हुए कहा कि हमने भरपूर कोशिश की थी समर्थकों को घरों में रोकने की इसके लिए हमने ट्रेन, बस और सड़क यातायात को रोक दिया था। बिना चेकिंग के जाने नहीं दिया जा रहा था। लेकिन डेरा समर्थक पैदल ही चलकर पहुंच गए। हरियाणा में भड़की हिंसा के हालात प्रधानमंत्री मोदी नजर बनाए हुए हैं। इस मामले को लेकर आज राजनाथ सिंह एक बैठक ले रहे हैं।