नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरूवार को जम्मू-कश्मीर को लेकर 8 राजनीतिक दलों के साथ 14 नेताओं के साथ बैठक करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि पीएम मोदी जम्मू के विकास की रफ्तार देनें समेत कई मुद्दों के लेकर ये बैठक बुलाई है। बैठक में कश्मीरी नेताओं के साथ जमीनी हकीकत और भविष्य की रूपरेखा का खाका खींचना पीएम मोदी की मंशा है। यानिकी राजनीतिक दल मसले जो चाहे उठाएं लेकिन पीएम मोदी का फोकस साफ है।
पीएम मोदी चाहते हैं कि जम्मू -कश्मीर के पुनर्गठन के बाद राज्य ने जो कुछ हासिल किया है और जो कुछ राज्य के विकास के लिए किया जा सकता है उस पर खुले मन से चर्चा हो, इसके लिए जम्मू कश्मीर के सभी दल खुले मन और दिमाग से बैठक में हिस्सेदारी करें।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के आंतरिक मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ किसी भी स्तर पर कोई बातचीत नहीं होगी। ऐसी बहस को छेड़ने वाले जम्मू-कश्मीर के शुभचिंतक नहीं हो सकते हैं। सूत्रों ने उतने ही कड़े लहजे में साफ किया कि धारा 370 को हटाने और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने जैसे मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की जा सकती है। ये मुद्दा सरकार के लिए अस्वीकार्य है।
कश्मीर की जेल में वही लोग हैं जो पिछली सरकारों के केसे की वजह से है, इसलिए राज्य के मसलों पर अपराधियों की शर्त पर बात मनवाने की कोशिश बेकार ही जाएगी। बैठक में पीएम के अलावा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, एनएसए अजित डोवाल, पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा और गृहसचिव अजय भल्ला मौजूद रहेंगे।