मुंबई: संटक में फंसी जेट एयरवेज के बुरे दिन खत्म होते दिखाई दे रहे हैं। दरअसल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने कुछ शर्तों के साथ जेट एयरवेज के लिए कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान के रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हैं। कैलरॉक-जालान कंसोर्टियम ने अगले पांच वर्ष में बैंकों, वित्तीय संस्थाथाओं और कर्मचारियों को 1200 करोड़ रुपये के भुगतान का प्रस्ताव रखा है।
जरूरी मंजूरियां लेने के लिए मिल समय
जेट एयरवेज की वापसी के लिए कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान को 90 दिनों के भीतर संबंधित एजेंसियों से जरूरी मंजूरियां लेनी हैं। बता दें कि इन दोनों कंपनियों के पास एयरलाइन संचालन का अनुभव नहीं है। कालरॉक कैपिटल ब्रिटेन की एसेट मैनेजमेंट कंपनी है। वहीं मुरारी लाल जालान यूएई के उद्यमी हैं। जेट एयरवेज को स्लॉट मुहैया कराने के लिए डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविशएशन (DGCA) और मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन (MCA) को 22 जून से 90 दिनों का वक्त दिया गया है। इसके स्लॉट पर सिविल एविएशनल रेगुलेटर आखिरी फैसला लेगा।
2019 से बंद है जेट एयरवेज
योजना के अनुसार, नए प्रमोटरों को एनसीएलटी द्वारा योजना की मंजूरी के छह महीने के भीतर 30 विमानों के साथ परिचालन शुरू करना होगा। नरेश गोयल द्वारा स्थापित भारत की सबसे पुरानी निजी एयरलाइन जेट एयरवेज ने अप्रैल 2019 में धन की भारी कमी के कारण परिचालन बंद कर दिया था। समाधान योजना की मंजूरी के साथ, नए प्रवर्तकों को एक पूर्ण-सेवा वाहक के रूप में एयरलाइन की स्थिति को बहाल करने के लिए एक फ्लीट प्लान मिल रहा है। जेट एयरवेज के 11 विमानों का मौजूदा बेड़ा, जो अब दो साल से अधिक समय से बंद है, सेवानिवृत्त हो सकता है, और कंपनी परिचालन शुरू करने के लिए नए विमानों को पट्टे पर ले सकती है।