अंटार्कटिका से एक बड़ी अनहोनी की खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक बर्फ का एक बड़ा पहाड़ टूटा है। बताया जा रहा है कि दुनिया का ये सबसे बड़ा हिमखंड है। जिसकी लंबाई 170 किलोमीटर है चौड़ाई 25 किलोमीटर है।
यूरोपीय स्पेस एजेंसी के सैटलाइट तस्वीरों में जो दिखा है वो दिमाग को सन्न कर देने वाला है। क्योंकि अंटारकर्टिका के पश्चिमी हिस्से में मौजूद रोन्ने आइस सेल्फ से यह विशाल बर्फ का पहाड़ टूटकर गिरा है। जिसके बाद पूरी दुनिया दहशत में है। वहीं वैज्ञानिक किसी बड़ी अनहोनी की बात कर रहे हैं।
हिमखंड टूटकर वेड्डेल समुद्र में मौजूद है। पूरे आकार की बात करें तो 4320 किलोमीटर का ये हिमखंड है। दुनिया के इस सबसे बड़े हिमखंड को ए-76 नाम दिया गया है। इस हिमखंड के टूटने की तस्वीर को यूरोपीय यूनियन के सैटलाइट कापरनिकस सेंटीनल ने खींची है। यह वही सैटलाइट है जो पृथ्वी के ध्रुवीय इलाकों पर नजर रखता है।
200 फुट तक बढ़ सकता है समुद्र का जलस्तर
जानकारों के अनुसार इश हिमखंड के टूटने से डायरेक्ट तो समुद्र के जलस्तर में कोई परिवर्तन नहीं आएगा लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से जलस्तर बढ़ सकता है। चेतावनी ये भी दी गई है कि अंटारर्कटिका धरती के बाकी हिस्सों की तुलना में ज्यादा तेजी से गर्म हो रहा है। वहां इतनी बर्फ है कि अगर पिघली तो दुनियाभर में समुद्र का जलस्तर 200 फुट तक बढ़ सकता है।
ये है हिमखंड टूटने का कारण
वैज्ञानिकों के अनुसार हिमखंड ए-76 के टूटने का कारण जलवायु परिवर्तन नहीं बल्कि प्राकृतिक है। बताय़ा जा रहा है कि ये हिमखंड प्राकृतिक कारणों की वजह से अलग हुआ है। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे दल की वैज्ञानिक लौरा गेरिश ने ट्वीट करके कहा कि ए-76 और ए-74 दोनों अपनी अवधि पूरी हो जाने के बाद प्राकृतिक कारणों से अलग हुए हैं। उन्होंने ये भी बताया कि हिमखंडों के टूटने की गति पर नजर रखने की जरूरत है लेकिन अभी इनका टूटना अपेक्षित है।