कोरोना की दूसरी लरह जब अपने चरम पर थी तो लाखों लोग ऑकसीजन के लिए भटकते नजर आए थे। सरकार की भी काफी किरकिरी हुई थी। इन सबको देखते हुए पीएम मोदी आज देशभर में ऑक्सीजन की वृद्धि और उपलब्धता की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक कर रहे हैं।
पुख्ता इंतजाम करने में जुटी सरकार
दरअसल कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि देश में सितंबर-अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें पहले से ही ऑक्सीजन और मेडिकल सुविधाओं के इंतजाम पुख्ता रखने के प्रयास में जुट गई हैं।
23,220 करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान
बता दें कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी के तहत मोदी सरकार ने नए कोरोना इमरजेंसी पैकेज का कल ही एलान किया है। जिसमें 23,220 करोड़ रुपए के इस पैकेज का एक अहम पहलू बच्चों पर फोकस होना है। पैकेज में 15000 करोड़ रुपए का योगदान केंद्र की ओर से, जबकि 8000 करोड़ रुपए का योगदान राज्यों की ओर से किया जाएगा।
419 मीट्रिक टन LMO है- दिल्ली सरकार
वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने भी कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये राष्ट्रीय राजधानी में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का बफर स्टॉक बनाने के मामले पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। दिल्ली सरकार ने बताया है कि उसके पास 419 मीट्रिक टन LMO है।
कोर्ट ने केंद्र को सुप्रीम कोर्ट के 30 अप्रैल के आदेश के अनुसार उठाए गए कदमों के बारे में एक हफ्ते में सकारात्मक रूप से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, क्योंकि यह मामला काफी समय से लंबित है।