CBI ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस ले ली है। दरअसल CBI ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें नारदा स्टिंग केस में चार नेताओं जिनमें तीन नेता TMC के हैं, को नजरबंद रखने की अनुमति दी थी. जिसके बाद इस फैसले के खिलाफ CBI ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ये कहा गया की गई कि ये बेहतर होगा अगर CBI चार नेताओं को घर में नजरबंदी के फैसले के खिलाफ अपनी याचिका वापस ले लेती, क्योंकि ये केस कोलकाता हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच में लंबित है।
गिरफ्तारी से पहले आरोपी को नोटिस दिया ?
सुप्रीम कोर्ट ने CBI से पूछा कि क्या गिरफ्तारी से पहले आरोपी को नोटिस दिया गया था ? कोर्ट ने कहा कि हम धरने की सराहना नहीं कर रहे, लेकिन अगर सीएम धरने पर बैठी तो क्या आरोपी को भुगतना पड़ेगा ? SC ने कहा कि आप उच्च न्यायालय पर आरोप लगा रहे हैं तब भी जब उसने पहले ही असाधारण कार्य किया है।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ ?
CBI की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल मेहता से SC ने पूछा कि आप किस आदेश को चुनौती दे रहे हैं ? अगर आपको जस्टिस बनर्जी के आदेश से समस्या नहीं, तो अंतिम जमानत मिल जाना चाहिए ? कोर्ट ने अभिषेक सिंघवी और सिद्धार्थ लूथरा से पूछा कि वो किन आरोपियों के लिए पेश हुए हैं।
‘भीड़ जुटाकर नहीं बनाया जा सकता दबाव’
जज ने कहा कि हमें नहीं लगता है कि भीड़ जुटाकर किसी कोर्ट पर दबाव बनाया जा सकता है। अगर हम ऐसा मान लें तो ये निचली अदालतों और हाईकोर्ट को हतोत्साहित करेगा। आप चाहें तो अभी अपना केस वापस लेकर हाईकोर्ट में अपनी बातें रख सकते हैं।