बीजिंग। चीन का दोगुलापन एक बार फिर से सामने आया है। चीन ने न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत की सदस्यता को लेकर एक बार फिर से पेंच अड़ा दिया है। चीन का कहना है कि भारत की सदस्यता को लेकर उसके रुख में कोई भी बदलाव नहीं आया है। इसके साथ ही उसने कहा कि या तो भारत परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करें या फिर जब तक गैर एनएसजी सदस्यों के बारें में आम राय नहीं बन जाती तब तक वो अपना रुख नहीं बदलेगा। चीन की तरफ से ये बयान उस समय आया है जब आगामी 11-12 नवंबर को एनएसजी सदस्यता को लेकर वियना में एक अहम बैठक होनी है।
इस बात की जानकारी देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि हमारी वियना में एनएसजी सदस्यों को लेकर बैठक होनी है लेकिन ये साफ कर दें कि हमारे रुख में कोई भी परिवर्तन नहीं आया है। इसके साथ ही भारत और चीन के राष्ट्रीय सलाहकारों के बीच कुछ दिन पहले हैदराबाद में हुए बैठक का हवाला देते हुए लू कांग ने कहा कि चीन भारत सहित संबंधित पक्षों के साथ संपर्क में हैं और इस मुद्दे पर समन्वय कर रहा है।
गौरतलब है कि हाल ही में जापान ने भारत की एनएसजी में सदस्यता का समर्थन किया था। एनएसजी में भारत की सदस्यता का समर्थन करते हुए जापान ने कहा था कि भारत की मौजूदगी से परमाणु अप्रसार को बढावा देने में मदद मिलेगी।