लखनऊ। कोविड-19 की शुरुआत पिछले साल फरवरी में हो गई थी। केंद्र सरकार ने तमाम तरीकों से मरीजों पर नजर रखने और उनके आकड़ों को एकत्रित करने के लिए एक पोर्टल के इसका माध्यम बनाया था । लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 के मैनेजमेंट के लिए बनाए गए सभी पोर्टल धीर-धीरे ध्वस्त होता नजर आ रहा है। रोजाना इस पोर्टल में कोई न कोई समस्या आ रही है।
कभी वैक्सीनेशन कराने वाले लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है तो कहीं स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सैम्पल लेने के बाद सैम्पल की केस आइडी बनाने वाले पोर्टल में भी समस्या आ रही है। ऐसे ही देर रात स्वास्थ्य विभाग के केस आइडी बनाने वाले पोर्टल में भी समस्या आई जिससे सैम्पल के कंसाइनमेंट करीब डेड घंटे तक नहीं बन पाई।
तीन हजार सैम्पलों के नहीं बनाए जा सके कंसाइनमेंट आइडी
कोविड-19 के दूसरे लहर की शुरुआत के बाद पूरे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित शासन के अफसरों में भी अफरा-तफरी मची हुई है। इसका मुख्य कारण मरीजों की बढ़ती संख्या है। वहीं इस संकट के बीच अब स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को रोजाना एक नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
कभी वैक्सीनेशन के पोर्टल का सर्वर डाउन होने से वैक्सीनेशन की प्रक्रिया बाधित होना या कभी कोविड-19 के सैम्पल को अंकित करने वाला (कोविड-19 पोर्टल) के सही काम न करने से देर रात तक सैम्पल के कंसाइनमेंट आइडी नहीं बनाई जा सकी। करीब डेड घंटे पोर्टल के सर्वर के ठीक होने के बाद करीब तीन हजार सैम्पलों की कंसाइनमेंट आइडी बनाकर उसे लैब में जांच के लिए भेजी गई।
जिम्मेदार बोले-
देर रात कुछ समय के लिए पोर्टल का सर्वर ठीक नहीं चल रहा था लेकिन फिर दिल्ली से डेढ़ घंटे बाद सर्वर ठीक कर दिया गया था। तो कंसाइनमेंट आइडी बननी शुरु हो गई थी।
डॉक्टर संजय भटनागर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी