लखनऊ: उत्तर प्रदेश में किराए पर मकान देने वाले मकान मालिक और उसमें रहने वाले किराएदारों के लिए बड़ी खबर है। योगी आदित्यनाथ सरकार मकान मालिक और किराएदारों के बीच होने वाले विवाद को समाप्त करने के लिए नया कानून लाने जा रही है।
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राज्य सरकार के इस नए कानून के बाद मकान मालिक न तो मनमाने तरीके से किराए बढ़ा सकेंगे और न ही किराएदार मकानों पर कब्जा कर पाएंगे। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन उत्तर प्रदेश नगरीय परिसरों की किराएदारी विनियमन विधेयक-2021 के प्रारूप को हरी झंडी दे दी है। अब मंजूरी के लिए इसे विधानमंडल में रखा जाएगा।
मकान मालिक और किराएदार दोनों होते हैं परेशान
मौजूदा समय में राज्य में उत्तर प्रदेश शहरी भवन (किराए पर देने, किराए तथा बेदखली का विनियमन) अधिनियम-1972 लागू है। प्रदेश में अधिकतर मकान मालिक और किराएदारों के बीच संबंध अच्छे नहीं रहते हैं। मकान मालिक को जहां अपनी संपत्ति का उचित किराया नहीं पा रहा है तो वहीं, किराएदारों को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को भेजा था प्रारूप
केंद्र की मोदी सरकार ने सभी राज्यों के लिए आदर्श किराया नियंत्रण कानून बनाने के लिए प्रारूप भेजा था। इसके आधार पर योगी कैबिनेट में उत्तर प्रदेश नगरीय परिसरों की किराएदारी विनियमन अध्यादेश को मंजूरी दी गई थी। गुरुवार को प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक में इसके प्रारूप को मंजूरी दी और अब इसे विधेयक के रूप में विधानमंडल में लेकर जा रही है। राज्य में इस कानून के लागू होने के बाद आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों को किराए पर लेना और देना दोनों आसान हो जाएगा।