कासगंज: उत्तर प्रदेश के कासगंज की दिल दहलाने वाली घटना लोगों को काफी परेशान कर रही थी। 9 फरवरी को शराब माफिया से मुठभेड़ में पुलिस का एक जवान शहीद हो गया। इसके बाद लोग लगातार बड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे थे।
मुख्य आरोपी मोती धीमर का एनकाउंटर
सिपाही देवेंद्र सिंह अपने अन्य साथियों के साथ कासगंज में कार्रवाई करने गए थे। जहां 9 फरवरी की रात बदमाशों से मुठभेड़ हुई, जिसमें देवेंद्र सिंह की मौत हो गई। इस हमले में दरोगा भी घायल हो गया था। इस घटना के बाद लगातार पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही थी, शराब माफिया से जुड़े मुख्य आरोपी मोती की तलाश जारी थी। इस पर एक लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था।
Moti, a history-sheeter carrying a reward of Rs 1 lakh on his head was injured in an encounter last night and later succumbed to his injuries: #Kasganj SP Manoj Sonkar pic.twitter.com/IIy21JOtZI
— ANI UP (@ANINewsUP) February 21, 2021
पुलिस अधिकारी मनोज कुमार सोनकर ने इस मामले में अधिक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रविवार सुबह करतला रोड के पास सिढ़पुरा से बड़ी खबर सामने आई। यहां मुख्य आरोपी मोती धीमर के होने का संकेत मिला। जिसके बाद पुलिस टीम वहां पहुंची।
जवाबी हमले में मौत
मोती धीमर ने मुठभेड़ के दौरान पुलिस पर गोली चला दी। जवाब में पुलिस बल ने भी हमला किया। इसी में एक गोली आरोपी मोती धीमर को जा लगी। पुलिस अधिकारियों ने उसे घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बता दिया।
बरामद की गई दरोगा की पिस्टल
मोती के पास दरोगा से लूटी हुई पिस्टल भी बरामद कर ली गई। इस पूरे घटनाक्रम में 4 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पिछले कई दिनों से कासगंज पुलिस लगातार इस मामले में बड़े एक्शन ले रही थी। प्रदेश से माफिया और गुंडाराज खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार लगातार ऐसे कदम उठा रही है।