लखनऊ।
वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर आउट सोर्सिंग कर्मचारियों ने शुक्रवार को लेहिया संस्थान में धरना-प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने दो टूक कहा जब तक वेतन बढ़ोत्तरी का फैसला नहीं होगा तब तक आन्दोलन जारी रहेगा।
लोहिया संस्थान के कर्मचारी बीते कई दिनों से काला फीता बांधकर विरोध दर्ज करा रहे थे। पांच फरवरी से कार्य बहिष्कार का ऐलान किया था। पर, चार फरवरी को निदेशक डॉ. एके सिंह से वार्ता के बाद संविदा कर्मचारी संघ ने कार्य बहिष्कार स्थगित कर दिया है। मांगे न पूरी होने तक बिना कार्य बाधित किए शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन शुरू कर दिया। ओपीडी नंबर-1 मुख्य गेट पर धरना दिया। आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाएं बाधित नहीं की जा रही हैं। बस हमारा मकसद वेतन बढ़ोत्तरी है। क्योंकि यहां पांच से सात साल से लगातार कर्मचारी काम कर रहे हैं। कोरोनाकाल में भी मरीजों की सेवा की। इसके बावजूद वेतन बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है। यहां सबसे ज्यादा वार्ड ब्वॉय, नर्स, लैब टेक्नीशियन, कम्प्यूटर ऑपरेटर, सफाई कर्मचारी व एक्सरे टेक्नीशियन आदि पद पर काम कर रहे हैं। इसके बावजूद कर्मचारियों का दर्द महसूस करने वाला कोई नहीं है। मुख्यमंत्री के आदेश पर वेतन बढ़ोत्तरी को लेकर कमेटी बनी। कमेटी ने नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों के बराबर वेतन देने की सिफारिश की। अब अधिकारी सिफारिश को लागू करने में आना-कानी कर रहे हैं। इससे कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है। उन्होंने बताया कि सुबह आठ बजे से लगभग 50 से 80 कर्मचारी धरने पर बैठे। किसी भी प्रकार की सेवाएं बाधित नहीं हुई हैं।
previous post