उत्तराखंड। त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार द्वारा राज्य के लोगों को अच्छी सुविधा कम कीमत पर पहुंचाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। क्योंकि ऐसा करने राज्य की उन्नति को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ राज्य सरकार द्वारा अभी पानी के कनेक्शन को 100 रुपये में देने की बात कही गई है। इसी बीच अब सरकार की तरफ से बिजली के बिल के लिए एक खबर आ रही है। जिसके चलते अब राज्य में लोगों को बिल्डर की मलमानी से निजात मिलेगी। अपार्टमेंट और बिल्डर की एप्रूव्ड ले आउट कालोनी में रहने वाले लोग सीधे ऊर्जा निगम से कनेक्शन ले पाएंगे। इसके लिए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने नियमों में व्यवस्था कर दी है। क्योंकि यूपीसीएल से सस्ती दरों पर बिजली लेकर बिल्डर लोगों को महंगी दरों पर बिजली देते रहे हैं।
लोग सीधे ऊर्जा निगम से कनेक्शन ले पाएंगे-
बता दें कि अपार्टमेंट और बिल्डर की एप्रूव्ड ले आउट कालोनी में रहने वाले लोग सीधे ऊर्जा निगम से कनेक्शन ले पाएंगे। इसके लिए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने नियमों में व्यवस्था कर दी है। अभी तक राज्य में कई स्थानों पर अपार्टमेंट और कालोनियों में वहां रहने वाले लोगों और मकान बनाने वालों को बिजली का कनेक्शन बिल्डर से ही लेना पड़ता था। बिल्डर ऊर्जा निगम से सिंगल प्वाइंट बल्क सप्लाई का कनेक्शन लेता था। आगे लोगों को अपने रेट पर बिजली मुहैया कराता था। कई बार लोगों ने अपने स्तर पर कनेक्शन लेने का प्रयास किया लेकिन बिल्डर के विवाद के कारण ऊर्जा निगम कनेक्शन उपलब्ध कराने में नाकाम रहा। इन विवादों के कारण लोग ऊर्जा उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच, विद्युत लोकपाल से लेकर विद्युत नियामक आयोग के चक्कर काटते रहे। इन बढ़ते विवादों पर आयोग की ओर से बिजली कनेक्शनों को लेकर नई नियमावली जारी कर दी गई है। इसमें बिल्डर के मौजूदा पॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर से ही वहां रहने वाले लोग ऊर्जा निगम से बिजली कनेक्शन ले पाएंगे। आयोग ने साफ किया है कि आम उपभोक्ता इन अपार्टमेंट और कालोनियों में प्रीपेड मीटर कनेक्शन ले पाएंगे। इसके लिए ऐसे कनेक्शनों के लिए स्मार्ट बिजली मीटर सप्लाई किए जाएंगे।
पुराने लोग भी इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं- आयोग
आयोग के आदेश के बाद अब अपार्टमेंट में रहने वाले पुराने लोग भी इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। नये कनेक्शन के साथ ही बिल्डर के पुराने कनेक्शन को ऊर्जा निगम के नये कनेक्शन में बदलवाया जा सकता है। अब बिजली उपभोक्ता के सामने विकल्प मौजूद है। यदि उसे बिल्डर के कनेक्शन में कोई परेशानी नहीं है, तो वो अपना कनेक्शन जारी रख सकता है। यदि उसे लगता है कि उसे ऊर्जा निगम से कनेक्शन लेना है, तो उसे आयोग ने ये अधिकार दे दिया है। अब बिल्डर कनेक्शन ऊर्जा निगम से लेने पर मना नहीं कर सकता।