रांची। बिहार की राजनीति में तहलका मचाने वाले आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है, कम होना का नाम तक नहीं ले रही। लालू जैसे ही जेल से निकलने के लिए जमानत याचिका दायर करते है, वैसे ही कोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया जाता है और फैसला अगली सुनवाई के लिए टाल दिया जाता है। ऐसा कई बार हो चुका है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर जमानत नहीं मिल पाई है। हाई कोर्ट ने लालू की याचिका पर डेढ़ महीने तक के लिए सुनवाई टाल दी है। लालू प्रसाद को चारा घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के अनुसार, लालू के वकील ने सप्लीमेंट्री एफिडेविट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की थी।
जेल नियमावली का उल्लंघन कर रहे लालू प्रसाद-
बता दें कि इससे पहले चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में सजायाफ्ता आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने झारखंड उच्च न्यायालय में गुरुवार को एक पूरक शपथपत्र दाखिल किया। सीबीआई ने शपथपत्र में कहा है कि लालू ने लगातार जेल नियमावली का उल्लंघन किया है और उनकी तबीयत भी अब स्थिर है। इसलिए, उन्हें राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स), रांची से बिरसा मुंडा जेल भेज देना चाहिए। चारा घोटाले के दुमका कोषागार से गबन के मामले में लालू की जमानत याचिका पर आज झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। जमानत के लिए लालू की याचिका पर जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने सुनवाई की। न्यायिक हिरासत से लालू यादव द्वारा बिहार के एक बीजेपी विधायक को कथित तौर पर किये गये फोन के मामले में उनके खिलाफ पटना में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी थी।