मथुरा। देश में कई सौ साल पुराना राम मंदिर विवाद अब जाकर कहीं खत्म हुआ है। मंदिर-मस्जिद को लेकर देश में आए दिन लड़ाई-झगड़ों की खबरे आती रहती हैं। राम मंदिर जैसा ही एक मुद्दा श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में भी है। जहां श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर में शाही ईदगाह को हटाने की खबरे तेज से चल रही हैं। बीते कुछ दिनों पहले मथुरा के सिविल जज की अदालत में विराजमान भगवान श्रीकृष्ण की ओर से सखा के रूप में मामला दर्ज कराया था। जिसके बाद अब इस संबंध में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा भी एक पक्ष बनेगी। जिसके चलते महासभा के कार्यकारिणी के सदस्यों की शुक्रवार को आॅनलाइन बैठक हुई।
कार्यकारिणी के चार दर्जन से अधिक सदस्यों ने भाग लिया-
बता दें कि सरकारे आती हैं और चली जाती हैं, लेकिन लगातार देश में मंदिर-मस्जिद के मुद्दे उठते रहते हैं। यह मुद्दा कई सौ वर्ष पुराना हो गया है। लोग आपस में ही मार-काट करके एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं। श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर में शाही ईदगाह को हटाने की खबरे तेज से चल रही हैं। ऑनलाइन बैठक में कार्यकारिणी के चार दर्जन से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने संवाददाताओं को बताया कि पूर्व में महासभा ने इस मामले को अदालत में उठाए जाने को लेकर ऐतराज़ उठाया था। साथ ही आशंका जताई थी कि कुछ बाहरी तत्व इस मामले को उठाकर मथुरा शहर के शांत माहौल को मंदिर-मस्जिद के नाम पर बिगाड़ना चाहते हैं। लेकिन, अब इस विषय पर विचार कर यह तय किया गया है कि सनातन धर्म के संबंध में सभी के हितों को देखते हुए अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा को भी इस मामले में अपनी बात अदालत के समक्ष रखनी चाहिए।
हर की पौड़ी का नाम बदलने के विरोध में देहरादून में धरना-
रंजना अग्निहोत्री सहित आधा दर्जन कृष्ण भक्तों ने मथुरा के सिविल जज (प्रवर वर्ग) की अदालत में विराजमान भगवान श्रीकृष्ण की ओर से उनके सखा के रूप में यह मामला दर्ज कराया था। इस मामले में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा कि हरिद्वार की हर की पौड़ी का नाम बदलने के विरोध में दिवाली के बाद महासभा द्वारा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में धरना देने का निर्णय किया गया है।