इंडोनेशिया। हमारे वातावरण में कुछ प्राकृतिक आपदाएं होती है तो कुढ मानवीय आपदाएं होती हैं जो समय-समय पर हमारे सामने आती रहती है। इनके द्वारा लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही बता दें कि ज्वालामुखी की एक प्राकृतिक आपदा है जो कभी-कभी फट सकता है। जिससे कभी-कभी आसपास के इलाकों में तबाही मच जाती हैं। इसी बीच इंडोनेशिया से सबसे सक्रिय ज्वालामुखी ‘माउंट मेरापी’ के फटने की खबर आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार माउंट मेरापी 27 जनवरी की रात फट गया। इसके साथ ही बता दें कि जब ज्वालामुखी फटा तो आसपास के 30 किलोमीटर तक इसकी आवाज सुनाई दी। इसके साथ मिली जानकारी के मुताबिक आसपास रहने वाले लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।
लोगों को ज्वालामुखी से दूर रहने का निर्देश जारी-
बता दें कि इंडोनेशिया में मध्य जावा की सीमा पर स्थित योग्याकार्ता प्रांत में स्थित 2968 मीटर यानी 9737 फीट ऊंचे इस पहाड़ में जब विस्फोट हुआ तो इसकी आवाज 30 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। पहाड़ के ऊपर से उसके नीचे तक गर्म और पिघले हुए लावा की नदी बह निकली। द गार्जियन वेबसाइट के अनुसार योग्याकार्ता में वॉल्कैनोलॉजी एंड जियोलॉजिकल हजार्ड मिटिगेशन सेंटर की प्रमुख हानिक हुमाइदा ने बताया कि माउंट मेरापी से इस बार निकला लावा अब तक का सबसे अधिक बहाव है। यानी बहुत अधिक मात्रा में लावा निकल रहा है। इसके साथ ही हानिक हुमाइदा ने कहा कि ज्वालामुखी के इस विस्फोट की वजह से आसपास के गांवों में राख जमा होने लगी है। इन गांवों से 150 लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
2010 में इस ज्वालामुखी की वजह से हुई थी 347 लोगों की मौत-
इसके साथ ही हानिक ने बताया कि हमने स्थानीय लोगों को ज्वालामुखी से दूर रहने का निर्देश जारी किया है। क्योंकि यह ज्वालामुखी जहां पर स्थित है उसके चारों तरफ घनी आबादी वाले इलाके हैं। साल 2010 में इस ज्वालामुखी के विस्फोट की वजह से 347 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि इस बार अभी तक किसी के मारे जाने या घायल होने या बीमार होने की खबर नहीं आई है।