आज यानि शनिवार को पुष्य नक्षत्र लग रहा है. इसे नक्षत्र को 27 नक्षत्रों का राजा कहा जाता है. शनिवार और रविवार ये योग बहुत ही लाभकारी है. ज्योतिर्विज्ञान में बताए गए 27 नक्षत्रों में 8वें नंबर पर पुष्य नक्षत्र आता है.
पुष्य नक्षत्र के लगने का समय
शनिवार को सुबह 8:05 मिनट से पुष्य नक्षत्र शुरू हो चुका है और ये अगले दिन सुबह 6:13 तक रहेगा. जब ये नक्षत्र शनिवार और रविवार के दिन होता है तो पुण्यामृत योग का निर्माण करता है. 7 नवंबर 2020 को पूरे दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा.
पुष्य नक्षत्र में होगा ये लाभ
पुष्य नक्षत्र देवताओं का प्रिय नक्षत्र माना जाता है. पुष्य नक्षत्र में किए काम हमेशा सफल होते हैं. इस नक्षत्र के स्वामी शनि और अधिष्ठाता बृहस्पति माने गए हैं. शनि-पुष्य योग में शनि के कारण खरीदी हुई चीजें स्थाई रूप से बनी रहती हैं और बृहस्पति के कारण वो समृद्धि देने वाली होती है. ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र का महत्व बहुत ही ज्यादा बताया गया है. पुष्य नक्षत्र बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है. इस नक्षत्र में की गई खरीददारी आर्थिक संपन्नता और शुभ लाभ देती है. ज्योतिष तो इस नक्षत्र को धनतेरस के योग से भी अधिक लाभकारी बता रहे हैं.
नक्षत्र में की गई खरीददारी आर्थिक संपन्नता और शुभ लाभ देती है
कहा जाता है कि इस योग में की गई खरीददारी अक्षय रहती हैं. इस समय जो भी शुभ काम किए जाते हैं वो अधिक समय तक स्थायी और आर्थिक समृद्धि देने वाले होते हैं. यही नहीं बुध और शुक्र के एक-दूसरे की राशि में आने से धन योग भी बन रहा है. रवि पुष्य नक्षत्र के दिन सोने, चांदी या पीतल से बनी वस्तुएं खरीदने से समृद्धि बनी रहती है. रवि पुष्य नक्षत्र के दिन जमीन, मकान और वाहन खरीदना शुभ माना जाता है.