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कोरोना से बचाव के लिए उत्तराखंड सरकार ने लिए ये  काबिल-ए-तारीफ फैसलें

सीएम रावत कोरोना से बचाव के लिए उत्तराखंड सरकार ने लिए ये  काबिल-ए-तारीफ फैसलें

कोरोना से बचाव के लिए उत्तराखंड सरकार ने काबिल-ए-तारीफ फैसलें लिए हैं। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना से जंग जीतने के लिए

देहरादून। कोरोना से बचाव के लिए उत्तराखंड सरकार ने काबिल-ए-तारीफ फैसलें लिए हैं। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना से जंग जीतने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं। इस जंग में उत्तराखंड सरकार ने सबसे पहला कदम सभी विधायक अपनी विधायक निधि से 15-15 लाख रुपये अपने जिले के सीएमओ को जारी करने को लेकर उठाया था। ताकि कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए इसे जरूरत के हिसाब से खर्च किया जा सके।

बता दें कि इसके अलावा भी उत्तराखंड सरकार ने कई तरह के कदम उठाए जिससे प्रदेश में कोरोना के संक्रमण की संख्या पर रोक लगाई जा सके। कोरोना को महामहारी घोषित करने के बाद से ही उत्तराखंड सरकार ने इसे रोकने को लेकर अहम बैठक और कदम उठाने शुरू कर दिए थे। सरकार ने शुरूआती दिनों में ही मेडिकल कॉलेजों को छोड़कर सभी स्कूल कॉलेज बंद कर दिए थे। इसके साथ ही सरकारी समारोह, आयोजन, वर्कशॉप, प्रशिक्षण, सेमिनार आदि को भी बंद कर दिया गया था और प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया था।

इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए उत्तराखंड महामारी रोग कोविड-19 (कोरोना वायरस विनियम-2020) नियमावली बनाकर इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी थी। इसके अंदर सरकार किसी भी व्यक्ति को उसकी मर्जी के बिना अस्पताल में रख सकती थी। वहीं सरकार ने एक अहम कदम ये उठाया कि जरूरत पड़ने पर कभी निजी अस्पतालों व निजी भवनों का इस्तेमाल अस्पताल और आईसोलेशन वार्ड के रूप में इस्तेमाल किए जा सकते थे।

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वहीं उत्तराखंड सरकार ने नियमों का उलंघन करने वालों के लिए भी सख्त कानून बानए और नियमों का अनुपालन न करने पर एक माह से लेकर छह माह तक की सजा का प्रविधान किया गया। सरकार ने आपात स्थिति में खरीद अथवा अस्पताल बनाने के लिए 50 करोड़ रुपये का भी प्रविधान किया है। कोरोना काल में उत्तराखंड सरकार ने अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए भी कई अहम कदम उठाए। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगातार रेंडम सैंपलिंग की। क्वारंटीन की राज्य में अच्छी व्यवस्था की गई और जो भी लोग बाहर से आए उनकों क्वारंटीन में रखा गया। रेड जोन से राज्य में आने वाले लोगों को संस्थागत क्वारंटीन में रखें।

वहीं उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड में औसतन रोजाना हजार के आसपास टेस्टिंग कराई। पहले 600 के आसपास टेस्टिंग हो रही थी फिर बाहर से आने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए टेस्टिंग बढ़ाई गई। संक्रमण को रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार ने भारत सरकार से दो लैब की और डिमांड की। आईआईपी देहरादून में स्वीकृत टेस्टिंग लैब को सरकार अभी शुरू नहीं कर पाए हैं। राज्य में अभी चार सरकारी और निजी टेस्टिंग लैब संचालित है। इसके अलावा भी उत्तराखंड सरकार कोरोना पर लगाम लगाने के लिए आगे की योजना पर काम कर रही है।

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