विकास दुबे को मध्यप्रदेश से एनकाउंटर में मार गिराया गया। पुलिस का कहना है कि जिस वक्त विकास दुबे को उज्जैन से सड़क के रास्ते यूपी लाया जा रहा था।
नई दिल्ली। विकास दुबे को मध्यप्रदेश से एनकाउंटर में मार गिराया गया। पुलिस का कहना है कि जिस वक्त विकास दुबे को उज्जैन से सड़क के रास्ते यूपी लाया जा रहा था तभी रास्ते में एक वाहन पलट गया। उसी का फायदा उठाकर विकास दुबे ने भागने की कोशिश की और पुलिस की पिस्टल लेकर उसने फायर करने शुरू कर दिए जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई जिसमें वो घायल हो गया। विकास दुबे को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बता दें कि एक तरफ पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब विकास दुबे ने आत्मसमर्पण कर दिया था उसको इस बात का यकीन था कि उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाएगा। फिर उसे भागने की क्या जरूरत पड़ी। शुरू से ही पुलिस की विकास दुबे मामले में अहम भूमिका रही है। इससे पहले विकास दुबे के एक साथी ने कैमरे के सामने बताया था कि उसे पुलिस पकड़ने आ रही है और इसकी जानकारी उसे थाने से ही मिली है।
Few minutes before #vikasDubeyEncounter in #Kanpur , he was seen travelling in Tata Safari car but after few minutes the car gets changed to TUV 300. #UPPolice thoda toh smart bano. pic.twitter.com/xnxejkKOt5
— Saurabh Trivedi (@saurabh3vedi) July 10, 2020
वहीं दूसरी ओर कुछ मीडिया रिपोर्टस की मानें तो उज्जैन में जब उससे पूछताछ की जा रही थी तो वहां भी उसने कबूला था कि उसकी मदद में कई पुलिस चौकियां शामिल थीं। कुल मिलाकर विकास दुबे के खत्म होते ही ये सवाल भी हमेशा के लिए दफन हो गए।
https://www.bharatkhabar.com/police-reached-gangster-vikas-dubeys-wife-in-kanpur/
इसके सात ही उठ रहे ऐसे सवाल भी
- कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों के मारने के बाद आखिरकार विकास दुबे उज्जैन कैसे पहुंचा। कौन-कौन से पुलिसवाले उसकी मदद कर रहे थे। किनकी मदद से ग्वालियर में उसके लिए फर्जी आधार कार्ड बनवाया गया।
- विकास दुबे के ऊपर किन नेताओं का हाथ था और किनकी मदद से उससे पुलिस महकमा खौफ खाता था। यहां तक कि एसटीएफ के बड़े अधिकारी का भी उससे संबंध था।
- 2022 में क्या वह विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर था। अगर यह बात थी तो वह किन-किन पार्टियों से टिकट के लिए संपर्क में था।
- साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुरेश शुक्ला की हत्या के मामले में जब वह बरी हुआ तो किसके दबाव में इस मामले में दोबारा अपील नहीं की गई।
- क्या विकास दुबे का एनकाउंटर किसी दबाव में किया गया है क्योंकि इससे कई लोगों का राजफाश होने की आशंका थी जिसमें लगभग सभी पार्टियों को लोग शामिल थे।
- क्या उज्जैन में उसका आत्मसमर्पण कराने के लिए भी कई लोग शामिल थे क्योंकि जब 7 राज्यों की पुलिस अलर्ट पर थी तो वह किसी के गिरफ्त में क्यों नहीं आया।
- सीओ देवेंद्र मिश्रा की उस कथित चिट्ठी का सच क्या था जो सोशल मीडिया और मीडिया के हाथ लग गई जिसमें उन्होंने पुलिस और विकास दुबे के गठजोड़ की बात कही थी, जबकि इस चिट्ठी के बारे में कहा जा रहा है कि वह रिकॉर्ड में नहीं है।
- आखिर पुलिस-प्रशासन के ऊपर किसका दबाव था या फिर उसे वास्तव में नहीं पता था कि विकास दुबे ने इतने हथियार इकट्ठा कर रखे हैं।
- क्या विकास दुबे अपनी गैर-कानूनी तरीके से कमाई गई रकम का कुछ हिस्सा पुलिसकर्मियों में भी बांटता था और अगर ये सच था तो कौन-कौन इसमें शामिल था।
- वो कौन लोग थे जिनके दबाव में विकास दुबे का जिले या प्रदेश के टॉप-10 बदमाशों में शामिल नहीं था जबकि उसके ऊपर 60 मुकदमे चल रहे थे।