पड़ोसी मुल्क नेपाल इन दिनों सीमा पर अपनी मनमानी के चलते खबरों में छाया रहता है। नेपाल चीन के कहने पर भारत पर हर संभव दबाब बनाने की कोशिश कर रहा है। और ऐसा करते-करते वो खुद अपने ही जाल में खुद फंस गया है। जिसकी वजह से नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा की कुर्सी जा सकती है।केपी शर्मा ओली की पार्टी अब टूट के कगार पर पहुंच गई है। नेपाल की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यकारी चेयरमैन पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने पीएम ओली की आलोचना के बाद उनसे अब इस्तीफे की मांग की है। प्रचंड ने ओली को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर पीएम ने इस्तीफा नहीं दिया तो वह पार्टी को तोड़ देंगे।
पार्टी की स्टैंडिंग कमिटी की मीटिंग में दहल ने कहा कि सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरने में विफल रही है। उन्होंने चेयरपर्सन और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर अदल-बदलकर पावर शेयरिंग के समझौते का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया। दहल ने कहा, ‘हम पार्टी के एकीकरण के वक्त सरकार को अदल-बदलकर चलाने के लिए सहमत हुए थे लेकिन मैंने खुद अपने कदम पीछे खींच लिए। सरकार का काम देखने के बाद मुझे लग रहा है मैंने ऐसा करके गलती की।’
हल ने यह भी कहा कि अगर सरकार समाजवाद हासिल करने के अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाती है, तो पार्टी को अगले चुनावों में असफलता देखनी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार और पार्टी दोनों संकट में हैं। दूसरी ओर ओली ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि प्रशासन देशहित में जुटा हुआ है और आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी के नेता ही विपक्ष की तरह बर्ताव कर रहे हैं।
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जिसकी वजह से केपी ओली की किर्सी पर खबरा मंडराने लगा है। प्रधानमंत्री केपी ओली को लगा थआ कि, वो भारत पर दबाब बनाकर नेपाल में राष्ट्र के नाम पर कु्रसी बचा लेंगे लेकिन उनकी ये चाल उल्टी पड़ गई है। तो वहीं दूसरी तरफ चीन ने नेपाल के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। जिससे केपी ओली की सरकार और भी ज्यादा मुसीबत में पड़ गई है।