ईश्वर का दिया हुआ पूरा ही शरीर बेहद महुमूल्य है और किसी एक अंग के अभाव में जिंदगी जीना मुश्किल हो जाती है।
लेकिन अगर हम आपसे कहे कि, आपकी एक सोच आपके अपनों का ही कत्ल करा देती है। तो इस पर क्या कहेंगे जी हां आप पूरे विश्व में सीजोफ्रेनिया दिवस मनाया जा रहा है। और हस साल 24 मई को विश्व सीजोफ्रेनिया दिवस मनाया जाता है। ताकि इस गंभीर रोग से लोगों को जागरूक किया जा सके।
ये एक ऐसा मानसिक रोग है जिसके चलते लोग अपनो के ही हत्यारे बन जाते हैं।इस बीमारी में व्यक्ति वास्तविक दुनिया से अलग अपनी एक काल्पनिक दुनिया में रहता है।
उसे यह काल्पनिक दुनिया ही सच लगती है और वह अपने विचारों को ही हकीकत मानकर जीता है।
अगर यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर ले तो व्यक्ति अपने किसी प्रियजन का मर्डर तक कर सकता है
सीजोफ्रेनिया का मरीज घर, परिवार और दोस्तों के साथ रहते हुए भी इनसे अलग-थलग रहता है।
पहले की तरह खुश और मिलनसार नहीं रह जाता है। यह मरीज के व्यवहार में आनेवाला एक सबसे बड़ा परिवर्तन होता है। जिसे परिवार और दोस्त आसानी से अनुभव कर सकते हैं।
सीजोफ्रेनिया का मरीज अपनी व्यक्तिगत साफ-सफाई का ध्यान नहीं रख पाता है। कई बार वह नहाना और ब्रश करना तक छोड़ देता है या अक्सर भूल जाता है।
इस बीमारी में पेशंट को वो सब आवाजें सुनाई देती हैं, जो वास्तव में होती ही नहीं हैं। साथ ही उसे लगता है कि हर कोई उसी के बारे में बात कर रहा है।
https://www.bharatkhabar.com/mata-vaishno-devi-temple-set-an-example-of-communal-unity/
कभी-कभी इस बीमारी के पीड़ित व्यक्ति को लगत है कि, लोग उसे देखकर हंस रहे हैं। जिसके चलते कभी-कभी वो इतना परेशान हो जाता है कि, वो कत्ल जैसा कदम भी उठा लेता है। अगर आपके घर में भी कोई व्यक्ति ऐसा है तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।