नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल 2019 सोमवार आधी रात को लोकसभा से पास हो गया है। लोकसभा में 6 घंटा से ज्यादा चले डिबेट में इस बिल की खामियों और खासियतों पर लंबी चर्चा हुई। बिल के पक्ष में 311 सांसदों ने वोट दिया और विपक्ष में 80 वोट पड़े। बिल पर चर्चा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा कि मोदी सरकार देश में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन लेकर अवश्य आएगी और जब एनआरसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो देश में एक भी अवैध घुसपैठिया नहीं रह जाएगा। अमित शाह ने कहा कि मानकर चलिए NCR आने वाला है।
बता दें कि इस वक्त सिर्फ असम में एनआरसी की प्रक्रिया चल रही है. अबतक हुई कार्यवाही में लगभग 19 लाख लोगों का नाम एनआरसी रजिस्टर में नहीं आया है। असम में ऐसे लोगों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाया जा रहा है। एनआरसी वो प्रक्रिया है जिसके जरिए देश में गैर-कानूनी तौर पर रह रहे अवैध घुसपैठियों को पहचान करने की कोशिश की जा रही है। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने ऐसे अवैध लोगों को देश से बाहर करने का वादा किया है।
वहीं लोकसभा में अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा है कि देश में रह रहे शरणार्थियों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने घुसपैठियों और शरणार्थियों में अंतर स्पष्ट किया। अमित शाह ने कहा कि जो हिन्दू, बौद्ध, सिख, पारसी, इसाई और जैन पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हैं और इस हालत में वे भारत आते हैं तो वे शरणार्थी कहलाएंगे, ऐसे लोगों को नागरिकता संशोधन के तहत भारत की नागरिकता दी जाएगी। जबकि वे लोग जो बांग्लादेश की सीमा से भारत में घुसते हैं, चोरी-छुपे आते हैं वे घुसपैठिए कहे जाएंगे। अमित शाह ने कहा कि ऐसे लोगों को भारत स्वीकार नहीं करेगा।
साथ ही अमित शाह ने अपने संबोधन में बार-बार कहा कि इस बिल से भारत में रह रहे मुसलमानों को किसी तरह से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बिल का भारत के मुसलमानों नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए उन्हें किसी चीज से डरने की जरूरत नहीं है। अमित शाह ने कहा कि कई पार्टियां इसे लेकर भ्रम फैला रही हैं।