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पर्यटन के रूप में उर्गम घाटी निहार रही नेताओं की ओर, आखिर कब होगा उद्धार?

joshimath uttarakhand पर्यटन के रूप में उर्गम घाटी निहार रही नेताओं की ओर, आखिर कब होगा उद्धार?

जोशीमठ। विकास के नाम पर उत्तराखंड में तमाम योजनाएं लाई गईं हैं उसी का एक हिस्सा है उर्गम घाटी के लिए विकास के लिए कुछ बड़ा करने का निर्णय लेने की कोशिश। यूके के मुख्यमंत्री के 13 डिस्ट्रक्ट 13 डेस्टिनेशन के तहत सीमांत विकास खंड की उर्गम घाटी में पर्यटन विकास की योजनाओं की संभावनाएं तलाशी जाऐगी। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा एसडीएम जोशीमठ की अध्यक्षता में समिति का गठन कर लिया गया है।

सीएम त्रिवेन्द्र रावत द्वारा राज्य के 13 जनपदों में 13 पर्यटन स्थलों के चयन किए जाने के निर्देश के क्रम में चमोली जिले के सीमांत विकास खंड की रमणीक घाटी जहाॅ पंच बदरी व पंच केदारों के पौराणिक मंदिर तो है, ट्रैकिंग की भी अपार संभावनाएं है। 13 डिस्ट्रक्ट 13 डेस्टिनेशन के तहत जनपद चमोली की उर्गम घाटी में भी पर्यटन विकास की संभावांनाए तलाशी जाऐगी। इसके लिए चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया द्वारा जोशीमठ के उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है, समिति में सदस्य के रूप में ग्रामीण निर्माण विभाग के सहायक अभियन्ता, तहसीदार जोशीमठ, रेंज आफीसर व जिला पर्यटन अधिकारी को नामित करते हुए ईको विकास समिति से सपंर्क कर डेस्टिनेशन हेतु भूमि की उपलब्धता आदि पर ठोस कार्ययोजना संस्तुति सहित प्रेषित करने की अपेक्षा की गई है।

इसी क्रम मे ईको पर्यटन विकास समिति उर्गम के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नेगी के नेतृत्व मे उर्गम घाटी के एक प्रतिनिधि मंडल ने उप जिलाधिकारी जोशीमठ से भंेट कर डिस्टिनेशन तय करने के लिए गठित समिति की बैठक उर्गम घाटी मे करने का आग्रह किया। उपजिलाधिकारी को दिए पत्र मे प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उर्गम घाटी मे नंदाष्टमी का उत्सव पूरे उत्साह व भब्य रूप से मनाया जाता है। और आगामी 6सतिबंर को सांय को नंदाष्ठमी का विशेष पर्व होगा।

वास्तव मे प्रकृति की इस अनमोल धरोहर उर्गम घाटी जहाॅ बारह महीने पंच केदारो मे एक कल्पनाथ एव पंच बदरी मे एक ध्यान बदरी के साक्षात दर्शन होते हो। इसके अलावा उर्गम से वशंी नारायण , फयूॅलानारायण जैसे धार्मिक स्थलो तक भी पंहुचा जा सकता हैं। साथ ही अनेक रमणीक बुग्यालो का मार्ग भी उर्गम से होकर जाता हैं। भगवान रूद्रनाथ की यात्रा करने वाले असख्य यात्री भी रूद्रनाथ से डुमक होते हुए कल्पनाथ व उर्गम पंहुचते है। लेकिन यह घाटी सडक विहीन होने के कारण पर्यटन मानचित्र से दूर हो गई थी। लेकिन अब उर्गम तक सडक संपर्क मार्ग तैयार हो जाने से इस घाटी मे तीर्थाटन के दिन बहुरने की उम्मीद भी बढने लगी है।

यदि मुख्य मंत्री के सपने के अनुसार 13डिस्ट्रक्ट 13 डिस्टनेशन के तहत जनपद चमोली मे उर्गम घाटी का चयन होता है तो ने केवल यहाॅ का तेजी से विकास होगा ब्लकि पलायन पर भी पूरी तरह से रोक लग सकेगी। अब देखना होगा कि 6सितबंर 2019 को जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति की पहली बैठक के बाद डिस्टिनेशन बनाए जाने पर क्या निर्णय होता है इस पर आजादी के बाद से विकास की वाट जोह रहे प्रकृति की रमणीक धरोहर उर्गम घाटी की नजरे रहेगी।

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