इस्लामाबाद। भारत द्वारा सर्जकिल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में भी राजनीतिक हलचल काफी बढ़ गई है। एक तरफ उरी और बारामूला आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाया है तो वहीं पाकिस्तान अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आ रहा जिसके चलते वो कई बार सीजफायर का उल्लंघन भी कर चुका है। लेकिन एक तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कीआतंकवाद को बढ़ावा देने के चलते भारत में आलोचना हो रही हैं वहीं उन्हें अपने घर पाकिस्तान में भी मुंह की खानी पड़ी है। दरअसल पूर्व क्रिकेटर और तहरीक ए-इंसाफ पार्टी के मुखिसा इमरान खान ने पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सत्र का बहिष्कार कर दिया है।
संसद के सत्र में हिस्सा नहीं लेने पर इमरान खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री नहीं मानता और मैं इस संसद का अनुमोदन नहीं करना चाहता। बुधवार को संसद के संयुक्त सत्र में ऐसा कुछ भी नहीं सामने आएगा जिस पर सोमवार को आल पार्टी कॉन्फ्रेंस में विचार नहीं किया गया हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उरी हमले के बाद हुए हंगामों के वक्त नवाज शरीफ कहां थे? वे लंदन के गुच्ची में खरीददारी करने में लगे हुए थे, जबकि उन्हें उस वक्त पाकिस्तान में रहकर नेतृत्व करना चाहिए था। इसलिए संसद के संयुक्त सत्र में हिस्सा लेना नवाज के नेतृत्व को समर्थन देना होगा जो वो नहीं चाहते।
बता दें कि उरी आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के द्वारा पीओके में घुसकर 50 आंतकियों को मार गिराया था जिसके बाद से पाकिस्तान में बौखलाहट बढ़ गई थी। इसके बाद ही पाकिस्तान में विपक्ष के नेता इमरान खान ने नवाज शरीफ के नेतृत्व पर सवाल पर खड़े करते हुए कहा था कि वह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बताएंगे कि इस तरह के हमलों पर कैसी प्रतिक्रिया देनी है। इसके अलावा उन्होनें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशान साधते हुए कहा था कि पाकिस्तान दोस्ती के लिए तैयार हैं क्योंकि दो परमाणु शक्तियों के बीच युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है। हम शांति चाहते हैं और दोस्ती करना चाहतें हैं अगर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा हो तो। साथ ही कहा, हर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तरह कायर नहीं हैं।