चंडीगढ़। पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी यानि की ओएसडी डॉ. अमर सिंह को पद से हटा दिया है। सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी अमर सिंह को सिद्धू ने ही करीब आठ महीने पहले अपना ओएसडी और सलाहकार नियुक्त किया था। हालांकि अभी तक अमर सिंह को किस कारणवश हटाया गया इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है, लेकिन कहा जा रहा है कि सिद्धू ने अपने विभाग में चल रहे किसी खेल का पता चलने के लिए बाद ये कदम उठाया है। सिद्धू भ्रष्टाचार के प्रति बेहद सख्त है और यही कारण है कि कई अधिकारी उनके साथ काम करने से कतराते रहे हैं।
आपको बता दें कि अमर सिंह की सिद्धू के अोएसडी के रूप में नियुक्ति को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अाठ महीने बाद भी मंजूरी नहीं दी थी। इसके बावजूद भरोसे के चलते सिद्धू ने उन्हें साथ रखा था और दफ्तरी कामों में उनकी क्लीन चिट मिलने के बाद ही किसी फाइल पर मंजूरी देते थे। डा. अमर सिंह ही दफ्तरी कामों की फाइलों संबंधी सारे फैसले लेते थे। यह भी कहा जाता है कि जिस फाइल पर ग्रीन स्याही से डा. सिंह का कोडवर्ड होता था उसी फाइल को सिद्धू क्लीयर करते थे। करीब एक महीने बाद विभाग के अधिकारियों को भी इसकी भनक लग गई थी।
उसके बाद से ही निकाय विभाग में बड़े पदों पर तैनात रहे अफसरों ने सिद्धू से किनारा करना शुरू कर दिया था। कई अफसरों ने सरकार से भी गुहार लगाई थी कि उन्हें किसी दूसरे विभाग में तैनात कर दिया जाए। सिद्धू की कोशिश है कि अब इस पद पर किसी अति भरोसेमंद की तैनाती की जाए, जो किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार में लिप्त न रहा हो और गुंजाइश भी न हो। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर अकाली-भाजपा सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रह चुकी हैं और उन्हें सरकारी कामकाज के बारे में अच्छी जानकारी भी है। यही वजह है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले सिद्धू अंदरखाते चाहते हैं कि उनकी पत्नी अब दफ्तरी काम को संभालें।