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मलबे में दबे 10 माह के मासूम को निकाला जिंदा, बचावकर्मियों की खुशी का ठिकाना नहीं

रूस में मलबे से निकाला गया 10 माह का बच्चा मलबे में दबे 10 माह के मासूम को निकाला जिंदा, बचावकर्मियों की खुशी का ठिकाना नहीं

रूस के एक दस माह के शिशु को 35 घंटों की मशक्‍कत के बाद मलबे से जीवित निकाल लिया गया। वाकई ये वाकया चौकाने वाला है। बच्‍चे को जीवित देख और उसकी किलकारी सुनकर बचावकर्मियों की चेहरे पर मुस्‍कान का कोई ठिकाना नहीं रहा। इसको नए वर्ष का चमत्‍कार माना जा रहा है।

 

रूस में मलबे से निकाला गया 10 माह का बच्चा मलबे में दबे 10 माह के मासूम को निकाला जिंदा, बचावकर्मियों की खुशी का ठिकाना नहीं

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न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की खबर के अनुसार पिछले दिनों मेग्‍नीटोगोरस्‍के सिटी में हुए जबरदस्‍त धमाके के बाद लगभग 25 इमारतें ध्‍वस्‍त हो गई थीं। इनमें एक दस मंजिला इमारत भी थी। धमाके की वजह गैस रिसाव मानी जा रही है। धमाके से पुलिस और प्रशासन की नींद उड़ गई थी। धमाका इतना जबरदस्‍त था कि इसकी आवाज काफी दूर तक सुनी दी थी। इस घटना के कुछ देर के बाद पूरे इलाके में पुलिस और बचावकर्मियों की गाडि़यों के सायरन की ही ध्वनि हो रही थी। जिस जगह यह हादसा हुआ है वह मास्‍को से करीब एक हजार मील दूर दक्षिण में स्थित है।

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जहां हादसा हुआ वह जगह इंडस्ट्रियल सिटी के नाम से रूस में मशहूर है। मीडिया में आई खबरों में इस धमाके को आतंकी हमले के तौर पर भी देखा गया। 35 घंटों की कड़ी मशक्‍कत के बाद एक दस माह के बच्‍चे के आलावा पांच लोगों को भी बचाया गया।इस दस माह के बच्‍चे का नाम वान्‍या है। बचावकर्मियों को इस बच्‍चे के मलबे में दबे होने का पता उसकी चीख से लगा था। इसके बाद ही इस बच्‍चे को बचाने के लिए बचावकर्मियों ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी है।

बचावकर्मियों को यह नहीं पता था बच्‍चे की लॉकेशन क्‍या है। इमरजेंसी मिनिस्‍टर के हवाले से पूरे रेस्‍क्‍यू प्रोग्राम में करीब सौ लोग जुटे थे। इस बच्‍चे को सकुशल देख वहां मौजूद बचावकर्मियों की आंखें खुशी के आंसुओं से भर गईं। बच्‍चे ने पीले रंग की टीशर्ट और सफेद जुराब पहने थे।

बच्‍चा मलबे की डस्‍ट से अटा पड़ा था और हाथ-पांव मार कर चीख रहा था। बच्‍चे को निकालना बड़ा मुश्किल था क्योंकि उस तक पहुंचने के लिए बचावकर्मियों को कई टन मलबा हटाना था। बच्‍चे की बेहद धीमी सी आवाज बचावकर्मियों को सुनाई दे रही थी। बताया जा रहा है कि बच्‍चा पालने में था जो टूट चुका था। बच्चे के पांव कंबल से ढके थे और सिर बाहर निकला था।

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