नई दिल्ली: बीते दिनों यूपी के राजधानी लखनऊ में हुए विवेक तिवारी हत्याकांड के सिलसिले में जेल में बंद पुलिसकर्मी संदीप को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने जमानत दे दी. अदालत ने बीस हजार रुपये की जमानत राशि और इतनी ही रकम के निजी मुचलके पर पुलिसकर्मी की रिहाई का आदेश दिया.
घटना के बाद गिरफ्तार किया गया था आरोपी
पुलिस ने पिछले साल 20 दिसम्बर को उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. मामले के एक अन्य आरोपी पुलिसकर्मी प्रशांत कुमार चौधरी के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 302 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था. मृतक विवेक की पत्नी कल्पना ने अदालत से आग्रह किया था कि संदीप के खिलाफ भी धारा 302 के तहत संज्ञान ले हालांकि अदालत ने 323 के तहत संज्ञान लिया. संदीप को 28 और 29 सितंबर की मध्य रात्रि को घटना के बाद गिरफ्तार किया गया था.
प्रशांत ने चलाई थी गोली
दरअसल विवेक तिवारी एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर थे. एक दिन वे रात में देर से ऑफिस से निकले. गोमतीनगर इलाके में अचानक दो पुलिसवालों ने उन्हें रोका, जिनमें से एक प्रशांत और दूसरा संदीप था. प्रशांत ही वो सिपाही है जिसने गोली चलाई. यह घटना 28 और 29 सितंबर के दरम्यानी रात की है. आरोपी सिपाही के मुताबिक विवेक तिवारी ने बार-बार उस पर गाड़ी चढ़ाई इसलिए उसने पिस्टल निकाली लेकिन उस वक्त गाड़ी में मौजूद सना का बयान बिलकुल अलग है.
एक आरोपी अभी भी है जेल में
बुलंदशहर का रहनेवाला प्रशांत चौधरी जेल में है अबतक संदीप राणा भी जेल में था. प्रशांत की पत्नी राखी मल्लिक भी कांस्टेबल है. इस घटना के बाद यूपी पुलिस में बगावत के सुर उठने लगे थे. कुछ पुलिस कर्मी आरोपी प्रशांत को जेल भेजने और उसे फंसाने के आरोप में काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे थे.