नेता जी सुभाष चंद्र बोस द्वारा साल 1943 में की गई ‘आजाद हिंद फौज’ के गठन की घोषणा के 75 साल होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने रविवार को कहा कि भारत कभी किसी दूसरे के भू-भाग पर नजर नहीं डालता है। उन्होंने ललकारते हुए कहा कि यदि उसकी संप्रभुता को चुनौती दी गई तो वह ‘‘दोगुनी ताकत’’ से जवाब देगा।
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प्रधानामंत्री मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार सुरक्षा बलों को उत्तम प्रौद्योगिकी और नवीनतम हथियारों से लैस करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराकर जवानों की जिंदगी सहज बनाने की कोशिशें जारी हैं।मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक किया है। मोदी ने पूर्व सैनिकों के लिए ‘वन रैंक, वन पेंशन’ योजना लागू करने की बात का भी जिक्र किया ।
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पीएम मोदी ने इस मौके पर लाल किला में राष्ट्र झंडे को फहराया। इस कार्यक्रम में सुभाष चंद्र बोस के नजदीकी लालती राम आजाद हिंद फौज की टोपी भेंट की। उसी टोपी को लगाकर मोदी ने कहा कि किसी दूसरे के भू-भाग पर नजर डालना भारतीय परंपरा नहीं रही है। लेकिन जब हमारी संप्रभुता को चुनौती दी जाएगी तो हम दोगुनी ताकत से पलटवार करेंगे। लालती राम ‘आजाद हिंद फौज’ के जीवित बचे सदस्यों में से एक हैं।
मोदी ने कहा कि लोगों को भारत के भीतर और बाहर की ऐसी ताकतों के खिलाफ सजग किया। जोकि देश और इसके संवैधानिक मूल्यों को निशाना बनाकर इसके खिलाफ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बोस के सपनों को साकार करने की कोशिश कर रही है। साथ ही कहा कि अब एक पारदर्शी प्रक्रिया के बाद थलसेना में महिलाओं को ‘शॉर्ट सर्विस कमीशन’ से स्थायी कमीशन में जाने की स्वीकृति दी गई है।पीएम मोदी ने कहा कि वायुसेना को जल्द ही महिला लड़ाकू पायलटों का पहला बैच मिलने वाला है। पीएम ने कहा कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण का काम अंतिम स्टेप पर है।