नई दिल्ली:सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ऐताहासिक फैसले के बावजूद भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच आज एक बार फिर मंदिर के कपाट खुले। कुछ महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की हालांकि उन्हें प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया। इससे पहले कल शाम को सबरीमाला मंदिर के द्वार खुले थे, लेकिन रात 10 बजे तक महिलाएं दाखिल नहीं हो सकीं। मंदिर पांच दिनों तक खुले रहेंगे। मंदिर के आसपास के इलाकों में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ स्थानीय संगठन, कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सबरीमाला के अयप्पा मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देना परंपरा के खिलाफ है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 28 सितंबर को इसे असंवैधानिक करार दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है। मंदिर प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध कर रहा है।
मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना कुछ पत्रकारों को भी करना पड़ा, कई पत्रकारों को चोटें भी आई। उनके वाहनों पर हमले किए गए। हालात बिगड़ता देख प्रशासन ने चार स्थानों पंपा, निलक्कल, सान्नीधानम, एलावुंगल पर धारा 144 लगा दी है।
वहीं प्रवीण तोगड़िया के नेतृत्व में दक्षिणपंथी संगठन ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद’ और ‘सबरीमला समरक्षणा समिति’ ने मध्यरात्रि से 24 घंटे के लिए केरल बंद का आव्हान किया है। कल की हिंसा के बाद डर और बंद का असर साफ तौर पर दिख रहा है।
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By: Ritu Raj