नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में प्राइमरी टीचर की भर्ती के लिए हुई परीक्षा में एक सवाल में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है जिसके चलते विवाद खड़ा हो गया है और दिल्ली सरकार इस शब्द के इस्तेमाल से नाराज़ है। दरअसल दिल्ली में बीते शनिवार को दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में एमसीडी में प्राइमरी टीचर के लिए परीक्षा कराई जिसमें हिंदी भाषा और बोध वाले प्रश्नपत्र में एक सवाल पूछा गया कि “पंडित : पंडिताइन तो चमार : क्या होगा?
इसके उत्तर में चार विकल्प थे
‘चमाराइन
चमारिन
चमारी
चामिर
बता दें कि इससे भड़के दिल्ली सरकार के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा, ‘यह बेहद ही गंभीर है और किसी भी सूरत में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रस्तुत संदर्भ में DSSSB के पास यह विकल्प था कि वह हिंदी की परीक्षा के प्रश्नपत्र में हिंदी साहित्य के वाल्मिकी, तुलसी, सूर, कबीर, रविदास दिनकर, मैथिलीशरण, निराला आदि की हिंदी से प्रश्न पूछता। पर जाति आधारित छिछले सवाल पूछकर DSSSB ने अपनी, भारतीय संविधान की, हिंदी की, और इस देश की संस्कृति की गरिमा को चोट पहुंचाई है।
वहीं राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा कि सर्विस डिपार्टमेंट अभी भी उपराज्यपाल के अधीन है और इसी डिपार्टमेंट के DSSSB विभाग द्वारा ली जाने वाली प्राइमरी टीचर की प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न संख्या 61 पर पूछे जाने वाले सवाल का क्या मतलब है। सोमवार को मुख्य सचिव से मिलकर बात करूंगा कि इस पर संज्ञान लें और इसकी अंतरिम जांच हो कि आखिर ऐसा किसके इशारे पर हुआ, उन पर मुकदमा दर्ज किया जाए।