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क्रष्ण जन्माष्टमी पर क्यो लगाया जाता है 56भोग, जाने इसका महत्व

56भोग का महत्व क्रष्ण जन्माष्टमी पर क्यो लगाया जाता है 56भोग, जाने इसका महत्व

नई दिल्ली। देश के अलग अलग राज्यों में क्रष्ण जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है। हर कोई कान्हा के जन्मोतस्व पर उन्हें खुश करने की कोशिश कर रहा है। क्रष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग उनके लिए 56 भोग तैयार कर रहे हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं 56भोग का महत्व कि कान्हा जी को 56प्रकार के व्यंजनों का भोग क्यो लगाया जाता है।

क्रष्ण जन्माष्टमी पर क्यो लगाया जाता है 56भोग, जाने इसका महत्व
क्रष्ण जन्माष्टमी पर क्यो लगाया जाता है 56भोग, जाने इसका महत्व

क्यो लगाता जाता है 56भोग

भगवान श्री क्रष्ण को 56 भोग लगाने के पीछे एक कहानी काफी प्रचलित है। जिसके अनुसार भगवान श्रीकृष्ण को मां यशोदा दिन में आठ बार भोजन कराती थीं और इससे उनकी सेहत ठीक रहती थी। इंद्र के प्रकोप से ब्रज को बचाने के लिए श्रीकृष्ण गोवर्द्धन पर्वत पर चले गएं थे। जब श्रीकृष्ण गोवर्द्धन पर्वत पर थे तो उस दौरान वो सात दिनों तक खाने का सेवन भी नहीं कर पाएं थे। साथ ही गोवर्द्धन पर्वत पर आठवें दिन यानी बारिश रुकने के बाद श्रीकृष्ण ने लोगों से गोवर्द्धन पर्वत से बाहर आने को कहा था।

इस बीच मां यशोदा ने श्रीकृष्ण के सात दिनों के आठ पहर के खाने को 56 भोग लगाकर पूरा किया। श्रीकृष्ण के लिए गोपियों ने भी पूजा की और उन्हें अगले जन्मों में अपना बनाने की इच्छा जताई। जब उनकी मुराद पूरी हो गई तब गोपियों ने श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाकर खिलाया। तभी से क्रष्ण को 56 भोग लगाने की कवायद शुरू हो गई और हर साल क्रष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कान्हा जी को 56 प्रकार के व्यजंनों का भोग लगाया जाता है।

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