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अटल ने एक बार चुटकी लेते हए कहा था कि इंदिरा गांधी तो हमारी तरफ बहुत प्यार से देखतीं हैं

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भारते के पूर्व प्रधानमंत्री का बीते रोज निधन हो गया है। अटल ने 93 वर्ष की आयु में गुरूवार को दिल्ली के AIIMS में आखिरी सांस ली थी।आपक बता दें कि कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। वाजपेयी का दशकों का सार्वजनिक जीवन एक खुली किताब सा रहा। यही वजह है कि लोग उन्हें अटल पुरूष कहते थे।’भारतरत्न’ और ‘अजातशत्रु’ की कई यादगार बाते हैं जो कि बार-बार उनके विराट व्यक्तित्व की परछाई को दिखाती है।अटल के जीवन के कुछ ऐसे पहलूओं से रूबरू करा रहे हैं।

 

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अटल ने एक बार चुटकी लेते हए कहा था कि इंदिरा गांधी तो हमारी तरफ बहुत प्यार से देखतीं हैं

हिंदी में दिए गए धाराप्रवाह भाषणों से पंडित जवाहरलाल नेहरू अटल से बेहद प्रभावित थे

आपको बता दें कि हिंदी में दिए गए धाराप्रवाह भाषणों से पंडित जवाहरलाल नेहरू अटल से बेहद प्रभावित थे। आपको बता दें कि एक बार सदन में पंडित नेहरू ने जनसंघ पर आलोचनात्मक टिप्पणी की जिस सुनते ही अटल जी ने जवाब में कहा कि ‘मैं जानता हूं कि पंडित जी रोजाना शीर्षासन’ करते हैं। वे शीर्षासन करें। मुझे कोई आपत्ति नहीं, लेकिन मेरी पार्टी की तस्वीर उल्टी न देखें।उक्त को सुनना था कि पंडित नेहरू सदन में ठहाका मारकर हंसने लगे।मालूम हो कि नेहरू के संबोधन अधिकतर अंग्रेजी में करते थे।

क्रिकेट से भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का गहरा नाता रहा है

जनसंघ सांसदों की संख्या 35 से घटकर 22 रह गई

1971 में लोकसभा के चुनाव हुए।जनसंघ सांसदों की संख्या 35 से घटकर 22 रह गई।उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता रहे डा.नारायण माधव घटाटे ने अटल जी से पूछा कि इंदिरा जी की क्या प्रतिक्रिया है? इस पर अटल हंसकर बोले,कि ‘अभी तो हमारी तरफ बहुत प्यार से देखती हैं इंदिरा। 1998 की बात है,शिवराज सिंह चौहान एक दुर्घटना में घायल हो गए थे। वह चलने में असमर्थ थे।

जानिए आखिर क्यों पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नहीं की थी शादी ?

उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी से कहा कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ सकते। किसी दूसरे को उम्मीदवार बना दीजिए। इसपर पर अटल जी ने कहा कि दूध में इकट्ठे और महरी में न्यारे नहीं चल सकता।  इसका मतलब है कि जब सब अच्छा हो, तब साथ-साथ और परेशानी में अलग छोड़ दें। यह ठीक नहीं है,वाजपेयी ने चौहान से कहा कि आप पर्चा भर दीजिए, पार्टी कार्यकर्ता और नेता मिल जुलकर देख लेंगे। बाद में परिणाम आए तो चौहान की जीत हुई।

वाजपेयी जी को रविशंकर प्रसाद का इस तरह का व्यवहार पसंद नहीं आया था

वाजपेयी राजनीति में विरोधी दलों के नेताओ को अपना दुश्मन नहीं केवल राजनीतिक विरोधी मानते थे। उन्होंने कभी किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। एक बार तत्कालीन कोयला मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिहार जाकर लालू यादव के खिलाफ सख्त शब्दों का इस्तेमाल किया था।वाजपेयी जी को रविशंकर प्रसाद का इस तरह का व्यवहार पसंद नहीं आया था । इसी को लेकर वाजपेयी ने रविशंकर प्रसाद को रविशंकर प्रसाद को चाय पर बुलाया और पूरी मुलाकात के दौरान कुछ नहीं कहा। इस पर परेशान रविशंकर जब जाने लगे तो वाजपेयी जी ने कहा ‘रवि बाबू’ अब आप भारत गणराज्य के मंत्री हैं।आपको ध्यान रखना चाहिए कि  अब सिर्फ बिहार ही नहीं हैं।

maheshkumar 2 2 अटल ने एक बार चुटकी लेते हए कहा था कि इंदिरा गांधी तो हमारी तरफ बहुत प्यार से देखतीं हैं

महेश कुमार यदुवंशी

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