मां भारतीय के सपूत भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी ने 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया। इस कदम से उन्होंने भारत को निर्विवाद रूप से विश्व मानचित्र पर एक सुदृढ वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया।1998 में हुए चुनाव के बाद वाजपेयी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। और 15 मार्च, 1998 की मध्यरात्रि को वाजपेयी ने कलाम को फोन कर यह सूचना दी कि वह उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल करने जा रहे हैं।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व के आगे झुकता था विपक्ष
सूचना पर कलाम सुबह नौ बजे आकर उनसे मिलें। कलाम ने अपने मित्रों से रायशुमारी कर निर्णय किया कि वह सरकार में शामिल नहीं होंगे। और इसके बजाय परमाणु परीक्षण की कवायद आगे बढ़ाएंगे।कलाम की इस बात को सुनकर वाजपेयी ने उन्हें इसकी अनुमति देने के साथ ही शुभकामनाएं दीं थी।उसी दौरान अमेरिका मान चुका था कि भारत ने परमाणु बम बना लिया है ,और वह उसका परीक्षण कभी भी कर सकता है।
14 अप्रैल, 1998 को नई दिल्ली दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर सीटीबीटी पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला।लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति को यह अहसास नहीं था कि भारत अगले महीने ही परमाणु परीक्षण करने जा रहा है।कुछ समय बाद में 11 मई यानी परमाणु परीक्षण का दिन आया।अटल ने यह सब इतनी गोपनीयता से किया गया कि अति विकसित जासूसी उपग्रहों व तकनीकी से संपन्न पश्चिमी देशों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
परमाणु परीक्षण के बाद पश्चिमी देशों द्वारा भारत पर अनेक प्रतिबंध लगाए गए
बाजपेयी के सामने कई बड़ी चुनौतीया आईं यहां तक कि पश्चिमी देशों द्वारा भारत पर अनेक प्रतिबंध लगाए गए। लेकिन वाजपेयी सरकार ने सबका दृढ़तापूर्वक सामना करते हुए आर्थिक विकास की पराकाष्ठा को छुआ।अमन के और शांति के लिए पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से संबंधों को मधुर करने की सबसे बड़ी कोशिश 19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की गई। इस सेवा का उद्घाटन करते हुए प्रथम यात्री के रूप में वाजपेयी जी ने पाकिस्तान की यात्रा करके नवाज़ शरीफ से मुलाकात की और आपसी संबंधों में एक नयी शुरुआत की।हालांकि वह बात और है कि पाक ने तोहफे में कारगिल युद्ध दिया।
आपको बता दें कि दिल्ली AIIMS में बाजपेयी वेंटीलेटर में है
आज अटल जिंदगी और मोत से संघर्ष कर रहे है। आपको बता दें कि दिल्ली AIIMS में बाजपेयी वेंटीलेटर में है। पूरा देश उनके लिए दुआएं कर रहा है देश का हर एक बच्चा शोक सागर में डूबा है।हम भी भारत खबर की और से उनकी दीर्धायू की कमनाएं करते है। इस देश के अटल अद्वतीय नेता है। आज तक ऐसा कोई नोता नही हुआ जिसे विपक्ष तक ने सराहा हो। देश, अटल के महान कार्यों के लिए उन्हें हमेंशा याद रखेगा।
महेश कुमार यदुवंशी