लंदन। विजय माल्या के प्रत्यर्पण केस में लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। ब्रिटिश कोर्ट ने माल्या की जमानत को 12 सितंबर तक बढ़ा दिया। इसी दिन फिर सुनवाई होगी। कोर्ट ने भारतीय अफसरों से कहा कि वे उस जेल का वीडियो सब्मिट करें, जहां माल्या को रखा जाएगा। अदालत के बाहर माल्या ने कहा कि मुझ पर लगे मनी लॉन्ड्रिंग के सभी आरोप झूठे हैं। 62 साल के माल्या पर 17 भारतीय बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद से माल्या जमानत पर है।
सीबीआई की तरफ से पेश किए गए सबूतों को स्वीकार कर लिया था
ब्रिटेन की अदालत से विजय माल्या को मिला झटका, चुकाने पड़ेंंगे 200,000 पाउंड
बता दें कि इससे पहले 27 अप्रैल को वेस्टमिंस्टर अदालत ने सीबीआई की तरफ से पेश किए गए सबूतों को स्वीकार कर लिया था। हाल ही में ब्रिटेन की एक अदालत ने प्रवर्तन अफसरों को माल्या के वहां स्थित परिसरों में जाने और जब्ती करने की इजाजत दी थी। तब उसने कहा था कि ब्रिटेन में उसके पास सिर्फ कुछ कारें और थोड़ी ज्वेलरी है। वह इसे कभी भी जांच एजेंसियों को सौंपने को तैयार है।
वहीं माल्या से 965 करोड़ की रिकवरी हुई
13 बैंकों के कंजोर्शियम ने माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज दिया था। 31 जनवरी 2014 तक माल्या पर बैंकों के 6,963 करोड़ रुपए बकाया थे। 2016 तक ये राशि करीब 9,000 करोड़ हो गई। अब यह राशि ब्याज समेत 10 हजार करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। कर्ज चुकाने का दबाव बढ़ा तो मार्च 2016 में माल्या विदेश भाग गया। बैंकों का कंजोर्शियम माल्या से अभी तक 965 करोड़ रुपए की रिकवरी कर चुका है।
साथ ही भारत आना चाहता है माल्या
पिछले दिनों ऐसी खबर आई थी कि विजय माल्या भारत लौटना चाहता है। वह भारत में चल रहे मुकदमों का सामना करने के लिए तैयार। वह बैंकों से लिया कर्ज भी चुकाना चाहता है। इसके लिए उसने ईडी के अफसरों से बातचीत भी की। ईडी के अफसरों का कहना था कि अगर वह लौट आता है तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उसे एक-दो दिन बाद जमानत दी जा सकती है। इससे पहले माल्या ने कहा था, भारतीय बैंकों ने उसे ‘पोस्टर बॉय’ बना दिया।