देहरादून। सूबे की त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार आने वाली 25 मई को टिहरी लेक फेस्टिवल के जरिए टिहरी पर बने बांध को एक नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर सामने लाने की फिराक में है। जिसको लेकर राज्य सरकार से पर्यटन विभाग के साथ जिला प्रशासन अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने के लिए जुटा है।
ऐसे में टिहरी के विस्थापितों के हितों की लिए संघर्ष करने वाले वहां से साल 2002 में विधायक और पूर्व में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय नाखुश नजर आ रहे हैं। किशोर उपाध्याय ने भारत खबर के बिशेष संवाददाता अजस्रपीयूष के साथ एक्सक्यूसिव बातचीत करते हुए अपना दर्द और व्यथा को साझा किया।
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किशोर ने जताई महोत्सव पर आपत्ति
किशोर की माने तो जब बांध बनाने की बात आई तो उन्होने कांग्रेस की सरकार के दौरान भी इसका विरोध किया था। जिसको लेकर उनका कहना था कि बाद में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने भी उनकी बात से इत्तेफाक रखा था। लेकिन अब बांध तो बन गया पर वहां के विस्थापितों को अभी तक कोई पुरसाहाल नहीं हो पाया है। किशोर का कहना है कि सरकार कोई भी रही हो लेकिन आज तक टिहरी की जनता से किए गए एक भी वादे पूरे नहीं हुए हैं।
इसके साथ ही उन्होने कहा कि गंगा को हम एक नदी के तौर पर नहीं बल्कि आस्था के तौर पर देखते हैं। इस तरह वहां पर बना बांध पवित्र गंगा के जल पर बना है तो वहां सरकार को किसी तरह का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होने कहा कि मेरा निवेदन है सरकार से कि पहले टिहरी की समस्य़ाओं का समाधान करे।
क्योंकि जब बांध बना तो पुरानी टिहरी जो अब बांध की गोद में जल समाधि में है। वहां से कई दंश और यादें जुड़ी हैं। कई विस्थापित हरिद्वार और देहरादून में मिल जाएंगे। जो मूलभूत समस्याओं और अभावों से जूझ रहे हैं। उनके लिए सरकार पहले काम करे जिससे उनके मन में उल्सास की भावना भरे।
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टिहरी जूझ रही है समस्याओं से
उन्होने कहा कि नई बसी टिहरी में कई समस्याएं हैं। मुझे जब जनता ने आशीर्वाद दिया था, तो वहां के लिए मैंने कई काम किए सड़क से लेकर पेयजल तक शिक्षा के हब के तौर पर हम उसे विकसित करना चाहते थे। इंजीनियरिंग कॉलेज खोले और डिग्री कॉलेज खोले लेकिन बाद में सरकारों ने टिहरी के लिए कुछ भी नहीं किया।
उन्होने कहा कि वहां पर वॉटर स्पोर्टस का अच्छा माहौल बन सकता है। लेकिन कोई भी सरकार इस पर ध्यान नहीं देती है। सगूफे तो सब छोड़ते लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं दिखाई देता है। यहां तक कि किशोर उपाध्याय अपनी कांग्रेस की सरकार पर भी हमला करने से नहीं चूके उन्होने टिहरी में बने पर्यटन विभाग के एक होटल का भी जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर उस होटल में कोई सुविधा नहीं है।
हमारी सरकार ने भी वहां पर कई काम किए लेकिन सब बेकार हुए हैं। जनता के टैक्स के पैसे की बड़ी बर्बादी हुई है। पहले सरकार ये बताए कि ये सब क्यों और किस लिए बर्बाद हुए।
पर्यटन के नाम पर सरकारें करती हैं खेल
जब बाद पर्यटन के जरिए रोजगार की आई तो किशोर ने कहा कि सरकारों से मैने कई बार कहा कि जैसे नैनीताल एक झील से पूरा शहर रोजगार कमा रहा है। वैसे ही टिहरी झील को भी विकसित करें लेकिन सरकार ने पास ना तो कोई पुख्ता योजना है, ना ही कोई विकल्प अगर सरकार ये सोचती है कि वहां लोग आएं शराब पिएं और ओछी हरकतें करें उसे पर्यटन बढ़ेगा तो मुझे सरकार की बुद्धी पर हंसी आती है।
उन्होने कहा कि सरकार पहले वहां के लोगों की समस्याओं को दूर करे फिर किसी महोत्सव के बारे में सोचे वहां के विस्थापित अभी तक अपनी समस्याओं से ही नहीं उभरें हैं ऐसे में सरकार का महोत्सव उनके लिए उत्सव कैसे हो सकता है।
इसके साथ ही उन्होने महोत्सव में होने वाले बॉलीबुड के कलाकारों के कार्यक्रम पर होने वाले खर्च को फिजूल खर्ची बताते हुए कहा कि टिहरी महोत्सव के नाम पर इस तरह पैसा खर्च करना ठीक नहीं है। इसके साथ ही उन्होने टिहरी पर होने वाले लेजर शो के बारे में जब पूछा गया तो उन्होने साफतौर पर कहा कि सरकार अगर ऐसा कुछ कर रही है, तो उसे पहले वहां के लोगों से मिले उनके संघर्ष को जाने फिर शो बनाए।
लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ अभी तक नहीं किया है। ऐसे में सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगना लाजमी है। उन्होने कहा कि वो टिहरी के दौर पर जा रहे हैं वहां लोगों से बात करेंगे । सरकार की मंशा पर उनकी इच्छा जानने के बाद पार्टी इस बारे में अपनी राय व्यक्त करेगी।
अजस्र पीयूष