काठमांडू। नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने सोमवार को राजनीतिक दलों से एक नई बहुमत वाली सरकार बनाने को कहा। रविवार को आम सहमति से सरकार बनाने के प्रयास नाकाम हो जाने के बाद उन्होंने यह अपील की। राष्ट्रपति कार्यालय ने नेपाल की संसद को सोमवार को एक पत्र भेजा। उसमें आग्रह किया गया है कि बहुमत के आधार पर नया प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू करें क्योंकि आम सहमति बनाने के लिए राजनीतिक दलों को दिया गया सात दिन का समय रविवार को बगैर किसी प्रगति के समाप्त हो गया।
सदन के अध्यक्ष के प्रेस सलाहकार बाबिन शर्मा ने कहा कि अध्यक्ष को राष्ट्रपति कार्यालय से संविधान के अनुच्छेद 305 और अनुच्छेद 299(3) के तहत नए प्रधानमंत्री के चुनाव के बारे में एक पत्र मिला है। शर्मा ने कहा कि संसद बुधवार को प्रधानमंत्री के चुनाव की तैयारी कर रही है। संसद के महासचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति प्रधानमंत्री का चुनाव कराएगी। संसदीय प्रक्रिया के मुताबिक प्रधानमंत्री बनने के इच्छुक उम्मीदवारों को मंगलवार को अपना नाम पंजीकृत कराना होगा।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड का नया प्रधानमंत्री बनना तय है। प्रचंड को सदन की सबसे बड़ी पार्टी, नेपाली कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। दूसरा सबसे बड़ा दल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) भी प्रधानमंत्री पद के लिए अपना प्रत्याशी उतार रहा है। संभवत: पार्टी के संसद के उप नेता सुभाष चंद्र नेमबाग चुनाव लड़ेंगे। इस पार्टी के अध्यक्ष और सत्ता छोड़ने वाले प्रधानमंत्री के. पी. ओली चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं। प्रधानमंत्री ओली के गत 24 जुलाई को इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रपति भंडारी ने आम सहमति से नई सरकार के गठन का आह्वान किया था।