देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बीते शुक्रवार को समाचार पत्रों में प्रकाशित ’’दून अस्पताल में शव के लिए स्ट्रेचर या वाहन न मिलने’’ सम्बंधी समाचार का संज्ञान लेते हुए सचिव स्वास्थ्य से प्रकरण की रिपोर्ट तलब की। सचिव स्वास्थ्य ने इस सम्बंध में चिकित्सा अधीक्षक का जवाब तलब किया। चिकित्सा अधीक्षक ने अपने स्पष्टीकरण में अवगत कराया कि मृतक के परिजनों ने स्ट्रेचर का इंतजार न करते हुए स्वयं ही निजी एंबुलेंस चालकों से वार्ता की। उन्होंने चिकित्सालय के अधीक्षक से एंबुलेंस के लिये भी संपर्क नहीं किया।
बता दें कि चिकित्सा अधीक्षक ने अवगत कराया है कि यदि रोगी के परिजन स्ट्रेचर व एम्बुलेंस के लिये संपर्क करते तो वे इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करते। चिकित्सा अधीक्षक ने यह भी बताया कि मृतक रोगियों को ले जाने के लिए रोगी एंबुलेंस का प्रयोग इसलिए नहीं किया जाता क्योंकि इससे अन्य रोगियों में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। मृतक रोगियों को ले जाने के लिए मृतक वाहन चिकित्सालय में उपलब्ध नहीं है। मृतक वाहन की व्यवस्था हेतु निविदा प्रक्रिया चल रही है।
वहीं चिकित्सा अधीक्षक द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को अपर्याप्त मानते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने स्वास्थ्य महानिदेशक को इस संबंध में एक सप्ताह के अन्दर इस प्रकरण की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मानवता और मानवीय संवेदना सभी परिस्थितियों में सर्वोपरि होनी चाहिए। जिस प्रकार की घटना बीते गुरूवार को दून अस्पताल में घटित हुई है, वह किसी भी स्थिति में स्वीकार नही की जा सकती। यदि व्यवस्था में कोई कमी है तो उसको तत्काल सुधारा जाना आवश्यक है। उन्होंने डीजी हेल्थ को यह भी निर्देश दिये है की भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति किसी भी स्थिति में प्रदेश के किसी भी अस्पताल में घटित न हो, इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को सचेत किया जाए।