अंकित साह, संवाददाता
प्रदेश में जहां परिवहन निगम के कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिलने से बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। तो वहीं उत्तराखंड परिवहन निगम पहले से ही 520 करोड़ के घाटे में चल रहा है।
कर्मचारियों को नहीं मिला 5 महीनों से वेतन
परिवहन निगम के पास जहां अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है, तो वहीं परिवहन निगम के कर्मचारियों को 5 महीनों से वेतन नहीं मिलने से दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी है।
रोडवेज डिपो में आम बैठक
हल्द्वानी में भी रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के तत्वाधान में कुमाऊं क्षेत्र की शाखा के कर्मचारियों ने रोडवेज डिपो में आम बैठक कर सरकार से अपने रुके हुए वेतन देने की मांग की है।
रोडवेज कर्मचारियों का कहना है की कोरोना काल में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्मचारियों की वेतन को नहीं रोकने की घोषणा की थी। जिस पर सरकार की स्थिति यह है कि प्रदेश में रोडवेज कर्मचारियों के वेतन को लेकर स्पष्ट नीति नहीं दिखा रहीं है।
घाटे में परिवहन निगम !
बता दें बैठक में अल्मोड़ा, रानीखेत, भवाली, नैनीताल, काठगोदाम, हल्द्वानी, रामनगर, रुद्रपुर, काशीपुर और JNNRUN काठगोदाम डिपो के दर्जनों कर्मचारियों ने भाग लिया। गौरतलब है कि उत्तराखंड परिवहन निगम की संचालित बसों में पैसेंजर नहीं होने से जहां आए दिन परिवहन निगम घाटे में चल रहा है।
वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों में रोष
वहीं कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने और उनका वेतन को आधा किए जाने से कर्मचारियों में रोष दिखाई दें रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड परिवहन निगम और कर्मचारी यूनियन में वेतन की लडाई चुनावी राजनीति का आखडा ना बन जाए।